Thursday, December 19, 2024

मातृृ शिशु एवं बाल पोषण व्यवहारों में होगा सुधार-कलेक्टर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पोषण पर प्रशिक्षण का शुभारंभ

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श्योपुर, 24 -7- 2024
कलेक्टर  लोकेश कुमार जांगिड ने मातृृ एवं शिशु स्वास्थ्य पोषण पर ऑगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के मदर इनफेन्ट एण्ड चाइल्ड न्यूट्रिशन पायलेट प्रोजेक्ट के अंतर्गत होटल राधिका विलास रिसोर्ट में व्हील ग्लोबल फाउंडेशन एवं आईआईटी बॉम्बे के सहयोग से आयोजित प्रशिक्षण का शुभारंभ करते हुए कहा कि इसके माध्यम से मातृ शिशु एवं बाल पोषण व्यवहारो में सुधार होगा।
शिशु मृृत्युदर एवं कुपोषण को रोकने के उददेश्य से मातृ शिशु एवं पोषण स्वास्थ्य विषय पर आयोजित प्रशिक्षण को संबोधित करते हुए कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जांगिड ने कहा कि प्रशिक्षण का उददेश्य संस्थागत एवं सामुदायिक हस्ताक्षेपों का क्रियान्वयन कर स्तनपान तथा शिशु बाल आहारपूर्ति व्यवहारों पर निरंतर जागरूकता बढाना है, जिले में इस प्रोजेक्ट के माध्यम से पॉजिटिव मोटिवेशन बढ़ेगा। उन्होंने स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पायलट प्रोजेक्ट की गतिविधियों के अनुरूप गंभीरता से कार्य करने के निर्देश भी दिये।
मुख्य वक्ता डॉक्टर रूपल ने पायलट प्रोजेक्ट की गतिविधियों को विस्तृत रूप से वीडियो और सक्सेस स्टोरी, स्टडी के माध्यम से सभी को न्यूट्रिशन, डाइट, स्तनपान के तरीकों को बड़े ही रोचक तरीके से अवगत कराया गया। प्रतिदिन किसको कितनी कैलोरी, प्रोटीन आदि लेना चाहिए और डाइट चार्ट क्या होना चाहिए को विस्तृत और रोचक तरीके से जानकारी दी गई। उन्होने कहा कि स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट आईआईटी बॉम्बे अंतर्गत माँ और शिशु पोषण अभियान चलाया जा रहा है जिसका उद्देश्य माँ और बच्चे में कुपोषण को खत्म करना है, इस हेतु श्योपुर में 250 प्रशिक्षक तैयार किये जायेगे। उन्होने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत महिलाओं में जागरूकता लाई जायेगी, स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास विभाग के कर्मचारी मास्टर ट्रेनर के रूप में नियुक्त किये जायेगे।
प्रशिक्षण में माँ को स्वस्थ पोषण आहार एवं शिशु को 6 माह तक स्तनपान कराने की विधि के बारे में अवगत कराया गया, यह प्रशिक्षणार्थी क्षेत्र में जाकर गर्भवती महिला को पोषण आहार मेें क्या-क्या लेना है, कैसे लेना है एवं शिशु को स्तनपान एवं पोषण आहार समय एवं उम्र अनुसार कैसे देनी है यह बतायेंगे एवं निरंतर निगरानी रखेंगे। उल्लेखनीय है कि भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान मुम्बई द्वारा तैयार किये गये ट्यूटोरियल वीडियो के माध्यम से पूर्व में आंगनबाडी कार्यकर्ताओ, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ, आशा कार्यकर्ताओ, महिला बाल विकास विभाग के सुपरवाईजर आदि को प्रारंभिक स्तर पर दो चरणो का प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। इसी क्रम में अब टेस्ट के माध्यम से चयनित 250 प्रशिक्षणार्थियों को इन हाउस प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
पायलेट के रूप में सात जिलो में शुरू होगा प्रोजेक्ट
इस अवसर पर प्रशिक्षक डॉ रूपल दलाल, डॉ देवाजी पाटिल, सुश्री शीतल हिवाले एवं सुश्री दीपाली, सीएमएचओ डॉ जेएस राजपूत, डीपीओ महिला बाल विकास  ओपी पाण्डेय सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, सीडीपीओ आदि प्रतिभागी उपस्थित थे।

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