अब पीडीएस में मिलेगा 75% गेहूं और 25% चावल, केंद्र का बड़ा फैसला
भोपाल, 24 जुलाई 2025
मध्यप्रदेश के पात्र हितग्राहियों को अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत अधिक मात्रा में गेहूं मिलेगा। वर्षों से लंबित इस मांग को प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के सतत प्रयासों के चलते केंद्र सरकार ने आखिरकार स्वीकृति दे दी है। अब पात्र परिवारों को मिलने वाले खाद्यान्न में 75 प्रतिशत गेहूं और 25 प्रतिशत चावल वितरित किया जाएगा। जबकि पूर्व में यह अनुपात 60:40 (चावल:गेहूं) था।
खाद्यान्न वितरण व्यवस्था में इस बदलाव की मांग लंबे समय से हो रही थी, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं हो सका था। मंत्री बनने के बाद श्री राजपूत को जिलों के दौरे के दौरान बार-बार यह सुझाव मिला कि पीडीएस में गेहूं की मात्रा बढ़ाई जाए, क्योंकि मध्यप्रदेश की अधिकांश आबादी चावल की तुलना में गेहूं का अधिक उपयोग करती है।
दिल्ली में केंद्रीय मंत्री से की थी विशेष भेंट
हाल ही में गोविंद सिंह राजपूत ने दिल्ली में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी से मुलाकात कर यह मुद्दा प्रभावशाली ढंग से उठाया। मंत्री राजपूत ने बताया कि राज्य में चावल की मांग अपेक्षाकृत कम है, और अधिक मात्रा में वितरित चावल का अक्सर दुरुपयोग या अवैध बिक्री हो जाती है। जबकि अगर लोगों को उनकी पसंद और आवश्यकता के अनुसार गेहूं मिले, तो यह व्यवस्था अधिक प्रभावी, पारदर्शी और हितग्राही-केंद्रित होगी।
श्री जोशी को यह सुझाव व्यावहारिक और समसामयिक प्रतीत हुआ, और मात्र एक सप्ताह के भीतर केंद्र ने इस पर निर्णय लेकर आदेश जारी कर दिए।
केंद्र का फैसला बना नीतिगत बदलाव की मिसाल
यह निर्णय सिर्फ खाद्यान्न वितरण अनुपात में बदलाव नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि यदि मांग व्यवहारिक हो और नेतृत्व में इच्छाशक्ति हो, तो नीतिगत बदलाव संभव हैं। यह फैसला केंद्र और राज्य के समन्वय की एक सशक्त मिसाल बनकर सामने आया है।
खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की यह पहल भविष्य में अन्य राज्यों के लिए भी दिशा-निर्देशक मॉडल बन सकती है। राज्य सरकार अब पीडीएस को और अधिक पारदर्शी व तकनीक-संचालित बनाने की दिशा में काम कर रही है। आधार प्रमाणीकरण, डिजिटल वितरण ट्रैकिंग, ई-केवाईसी जैसे उपायों को तेजी से अपनाया जा रहा है।
राजपूत ने जताया आभार, बताया फैसला ऐतिहासिक
इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री श्री राजपूत ने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी का आभार व्यक्त करते हुए कहा—
“पीडीएस में गेहूं की मात्रा बढ़ाने के अनुरोध को मात्र एक सप्ताह में मान लेना, यह दर्शाता है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार जनहित में त्वरित निर्णय लेने में सक्षम है।”
उन्होंने कहा कि खाद्यान्न उपार्जन से लेकर वितरण तक की व्यवस्था में निरंतर सुधार किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य अंतिम व्यक्ति तक सुविधा पहुंचाना है, ताकि कोई भी पात्र हितग्राही वंचित न रह जाए।
अब गेहूं मिलेगा ज्यादा, हितग्राहियों को सीधा लाभ
राज्य में नए अनुपात के तहत अब लोगों को अधिक उपयोगी और पसंदीदा अनाज गेहूं मिलेगा, जिससे योजना की उपयोगिता और स्वीकार्यता दोनों में इज़ाफा होगा। यह कदम न केवल खाद्य सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा, बल्कि गरीब एवं वंचित वर्ग को राहत पहुंचाने की दिशा में एक निर्णायक पहल साबित होगा।
मुख्य बिंदु संक्षेप में:
🔹 पहले: 60% चावल, 40% गेहूं
🔹 अब: 25% चावल, 75% गेहूं
🔹 मप्र की जनसंख्या की मांग अनुसार अनाज वितरण
🔹 दुरुपयोग की संभावना कम, पारदर्शिता अधिक
🔹 केंद्र–राज्य समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण