ग्वालियर-चंबल संभाग में 956 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य
श्योपुर, 20 जुलाई 2025
खेती के साथ अब किसान और ग्रामीण युवा खाद्य प्रसंस्करण (फूड प्रोसेसिंग) और वेल्यू एडीशन के ज़रिये बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं। इसके लिए केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (PMFME) ग्रामीण उद्यमियों को एक शानदार अवसर प्रदान कर रही है।
योजना के तहत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए लागत का 35 प्रतिशत और अधिकतम 10 लाख रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाता है। इसके साथ ही बैंकों के माध्यम से ऋण की सुविधा भी उपलब्ध है।
ग्वालियर-चंबल संभाग में 956 इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में ग्वालियर-चंबल संभाग में कुल 956 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया है। इनमें:
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ग्वालियर संभाग: कुल 589 इकाइयाँ
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ग्वालियर: 101 इकाइयाँ
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शिवपुरी: 153 इकाइयाँ
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गुना: 162 इकाइयाँ
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अशोकनगर: 69 इकाइयाँ
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दतिया: 104 इकाइयाँ
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चंबल संभाग: कुल 367 इकाइयाँ
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मुरैना: 115 इकाइयाँ
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भिण्ड: 183 इकाइयाँ
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श्योपुर: 69 इकाइयाँ
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एफपीओ, SHG और सहकारी समितियों को मिलेगा विशेष लाभ
संभागीय संयुक्त संचालक उद्यानिकी के अनुसार योजना का लाभ व्यक्तिगत उद्यमियों, किसान उत्पादक संगठनों (FPOs), स्व-सहायता समूहों (SHGs) और उत्पादक सहकारी समितियों को मिलेगा।
स्व-सहायता समूहों को विशेष रूप से सीड कैपिटल के रूप में प्रति सदस्य 40 हजार रुपये के मान से अधिकतम 4 लाख रुपये तक का अनुदान भी दिया जाएगा।
कैसे उठाएं योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ लेने के इच्छुक हितग्राही अपने जिले के उद्यानिकी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। वहां से उन्हें मार्गदर्शन, आवेदन प्रक्रिया और अनुदान प्राप्ति की विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी।
सरकार का उद्देश्य: ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाना
PMFME योजना का उद्देश्य असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को मजबूत करना और “वोकल फॉर लोकल” के माध्यम से ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देना है। यह योजना ग्रामीण युवाओं, महिलाओं और किसानों को आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।