श्योपुर, 10 जुलाई 2025
जिले में संचालित निजी स्कूलों पर अब प्रशासन की निगरानी और सख्त होने जा रही है। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा के निर्देश पर शिक्षा विभाग द्वारा जिले के 160 निजी स्कूलों का व्यापक निरीक्षण शुरू किया गया है। यह निरीक्षण निजी विद्यालयों में पढ़ाई जा रही पुस्तकों, छात्रों से की जा रही सामग्री खरीद की अनिवार्यता तथा अन्य नियमों के पालन को लेकर किया जा रहा है।
बस्ते की जांच और छात्रों से होगी बात
निरीक्षण के दौरान संबंधित अधिकारी न सिर्फ स्कूल प्रशासन से जानकारी लेंगे, बल्कि छात्रों से भी चर्चा कर यह जानेंगे कि उन्हें कौन-कौन सी पुस्तकें और कहाँ से खरीदने के लिए कहा गया है। छात्रों के बस्ते का निरीक्षण कर वास्तविक रूप से उपयोग में लाई जा रही पुस्तकों की कक्षावार सूची तैयार की जाएगी और उसका प्रतिवेदन जिला कार्यालय को सौंपा जाएगा।
एनसीईआरटी कोर्स अनिवार्य, निजी दुकानें थोपना मना
जिला शिक्षा अधिकारी एम.एल. गर्ग ने बताया कि मप्र निजी विद्यालय अधिनियम 2017 एवं नियम 2020 के तहत कोई भी निजी स्कूल प्रबंधन अभिभावकों को किसी विशेष विक्रेता से किताबें, यूनिफॉर्म, जूते, कॉपियाँ आदि खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वे केवल एनसीईआरटी या स्टेट बोर्ड की किताबें ही कोर्स में रखें।
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कक्षा 1 से 8 तक – राज्य शिक्षा केंद्र एनसीईआरटी किताबें
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कक्षा 9 से 12 तक – केवल एनसीईआरटी पुस्तकें
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केजी-1 व केजी-2 – एनसीईआरटी पब्लिकेशन की उपलब्ध पुस्तकें
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व्याकरण की किताबें – स्कूल स्तर पर एक-एक निर्धारित कक्षा समूह के अनुसार
अन्य सुविधाओं की भी होगी जांच
निरीक्षण के दौरान स्कूल की मान्यता, संचालित कक्षाएं, स्टाफ की शैक्षणिक योग्यता, मूलभूत सुविधाएं तथा स्कूल वाहनों की वैधता की भी जांच की जाएगी। इन सभी बिंदुओं का विवरण संलग्न प्रतिवेदन के रूप में जिला कार्यालय में प्रस्तुत किया जाएगा।
प्रशासन की सख्त हिदायत:
अगर कोई स्कूल नियमों का उल्लंघन करते पाया गया, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले भी सभी निजी विद्यालयों के प्राचार्यों को आदेश पत्र भेजकर नियमों की जानकारी दी जा चुकी है।