शांति समिति की बैठक आयोजित, सुरक्षा के व्यापक प्रबंध सुनिश्चित: पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र जैन
श्योपुर, 30 जून 2025
जिले में मुस्लिम समुदाय के मातमी पर्व मोहर्रम को लेकर कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में शांति समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में ताजियेदारों, अखाड़ा प्रतिनिधियों एवं विभिन्न समाजों के प्रमुखों की उपस्थिति रही।
बैठक में पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र जैन, एडिशनल एसपी प्रवीण भूरिया, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती गुड्डी बाई आदिवासी, पूर्व विधायक दुर्गालाल विजय, भाजपा जिला अध्यक्ष शशांक भूषण, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती रेणु सुजीत गर्ग, शहरकाजी अतीक उल्ला कुरैशी, गणेश संस्थान अध्यक्ष रामस्वरूप गर्ग, एसडीएम बीएस श्रीवास्तव, एसडीओपी राजीव कुमार गुप्ता, वक्फ कमेटी अध्यक्ष असद उल्ला कुरैशी, अन्य जनप्रतिनिधियों एवं समाजसेवियों ने भाग लिया।
कलेक्टर वर्मा ने कहा कि मोहर्रम के अवसर पर भाईचारे एवं शांति का वातावरण बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने निर्देश दिए कि ताजिया मार्गों पर समुचित साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, बिजली एवं नेटवर्क के तारों की सुरक्षा, ट्रांसफार्मर कवरिंग आदि व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने बताया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अंतिम ताजिया सांय 5.30 बजे गणेश गली से होकर गुजरेगा।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एसडीएम, एसडीओपी, सीएमओ एवं अन्य विभाग प्रमुख ताजिया मार्ग का निरीक्षण करें और समस्याओं का समय पर निराकरण करें। बोहरा समुदाय के जुलूस मार्ग की भी विशेष सफाई कराने के निर्देश दिए गए।
पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र जैन ने कहा कि कत्ल की रात, मोहर्रम के दिन और ताजियों के गश्त के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने ताजियेदारों से 10-10 स्वयंसेवकों की सूची देने को कहा और बताया कि विसर्जन के समय भी पुलिस बल तैनात रहेगा।
बोहरा समुदाय द्वारा 5 जुलाई को निकाले जाने वाले जुलूस की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी। यह जुलूस सुबात कचहरी चौराहा से बोहरा मस्जिद तक जाएगा। उन्होंने जानकारी दी कि ताजिया मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे भी नगरपालिका द्वारा लगाए जाएंगे।
शहरकाजी श्री अतीक उल्ला कुरैशी ने बैठक में बताया कि
3 जुलाई को अलम निशान का जुलूस,
5 जुलाई की रात को ताजियों की गश्त
और 6 जुलाई को मोहर्रम का मुख्य आयोजन होगा।
बैठक में सर्वसम्मति से तय किया गया कि सभी समुदाय मिलकर पर्व को सद्भाव, सौहार्द और शांतिपूर्ण माहौल में मनाएंगे।