Wednesday, July 23, 2025

श्योपुर में आदिवासी किसानों की जीवनरेखा पर संकट: दबंगों ने किया सार्वजनिक नहर पर कब्जा, सिंचाई व्यवस्था ठप

Spread the love

श्योपुर, कराहल तहसील 

दिनांक 3/6/2025

श्योपुर जिले की कराहल तहसील के ग्राम सूंसवाडा और रजपुरा के आदिवासी किसानों को संकट का सामना करना पड़ रहा है। वर्षों पुरानी सार्वजनिक कच्ची नहर (स्थानीय भाषा में ‘सारण’) पर कुछ दबंगों द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर उसे मिट्टी और पत्थरों से बंद कर दिया गया है। इस मामले की शिकायत लेकर दर्जनों आदिवासी महिला-पुरुष श्योपुर कलेक्टर की जन सुनवाई में पहुँचे, जहाँ उन्होंने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।

ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप

 एक दर्जन से अधिक आए ग्रामीणों द्वारा  पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर को सौंपी गई लिखित शिकायत में कृपाशंकर, भानु जाट, बंटी जाट तथा सिंडी ऊर्फ निहाल नामक दबंगों पर नहर को ट्रैक्टर से बंद करने और विरोध करने पर गाली-गलौज तथा जान से मारने की धमकी देने के आरोप लगाए गए हैं। ग्रामीणों के अनुसार, यह नहर दशकों से बरसात के पानी को खेतों तक पहुँचाने में सहायक रही है और इसकी सफाई सामूहिक श्रमदान से होती रही है। लेकिन इस बार दबंगों ने अपने निजी स्वार्थ के चलते इसे जबरन बंद कर दिया, जिससे सैकड़ों बीघा भूमि की सिंचाई प्रभावित हो गई है।

फ्त्थर लगाकर बंद किया बरसती नाला (नहर) सारण 

      आदिवासियों के खेत 

पंचनामा से हुई पुष्टि, फसल बर्बादी की आशंका

ग्राम रजपुरा के पंचगण और आदिवासी  ग्रामीणों द्वारा प्रस्तुत पंचनामा में भी आरोपों की पुष्टि की गई है। उनका कहना है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो आगामी वर्षा ऋतु में खेतों में पानी नहीं पहुँच पाएगा और धान की फसल पूरी तरह चौपट हो जाएगी। इससे विशेष रूप से आदिवासी समुदाय को भारी आर्थिक क्षति हो सकती है।

प्रशासन से की गई मांगें

प्रार्थी और ग्रामवासियों ने प्रशासन से चार मुख्य मांगें रखी हैं:

  1. सार्वजनिक नहर को दबंगों के कब्जे से तत्काल मुक्त कराया जाए।

  2. नहर की सफाई कर उसे पूर्ववत बहाल किया जाए।

  3. दोषियों पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने, धमकी देने और गाली-गलौज करने के आरोप में कानूनी कार्रवाई की जाए।

  4. ग्राम में शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु पुलिस बल की तैनाती की जाए।

ग्रामीणों की चेतावनी: कार्रवाई नहीं हुई तो बिगड़ सकता है माहौल

ग्रामीणों का कहना है कि यह मामला जनहित से जुड़ा है और यदि समय रहते प्रशासन ने ठोस कदम नहीं उठाया, तो इससे सामाजिक तनाव और किसानों की आजीविका पर गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है।

- Advertisement -spot_img
Latest news
Related news