श्योपुर, 15 मई 2025
जिले में बालश्रम की रोकथाम हेतु सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। श्रम निरीक्षक श्रीमती लक्की शिवहरे ने जानकारी दी है कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से कार्य कराना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। साथ ही, 18 वर्ष से कम आयु के किशोरों को खतरनाक श्रेणी के कार्यों में नियोजित करना दण्डनीय अपराध है।
बालक और किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अनुसार:
14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी संस्थान, फर्म या कारखाने में कार्य पर रखना कानूनन अपराध है।
14 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों को तंबाकू उत्पाद, होटल-ढाबे, ज्वलनशील पदार्थ, विस्फोटक सामग्री, घरेलू कार्यों एवं संकटपूर्ण प्रक्रियाओं जैसे खतरनाक कार्यों में नियोजन पूर्णतः वर्जित है।
दंडात्मक प्रावधान:
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उल्लंघन पर: न्यूनतम 20,000 रुपये से लेकर अधिकतम 50,000 रुपये तक का जुर्माना,
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तथा 6 माह से 2 वर्ष तक की कारावास या दोनों हो सकते हैं।
श्रीमती शिवहरे ने बताया कि बाल श्रम की सूचना 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन, निकटतम पुलिस थाना अथवा जिला श्रम कार्यालय, श्योपुर में दी जा सकती है।
साथ ही उन्होंने संस्थान मालिकों से अपील की कि वे:
14 वर्ष से कम उम्र के किसी भी बालक को नियोजित न करें,
14 से 18 वर्ष तक के किशोरों को नियोजित करने से पूर्व श्रम निरीक्षक से अनुमति प्राप्त करें।
सभी संस्थान जो एक माह या उससे अधिक समय से संचालित हो रहे हैं, उन्हें श्रम कार्यालय से दुकान/संस्थान का पंजीयन कराना अनिवार्य है।
यह कदम बच्चों के सर्वांगीण विकास, शिक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण है। जिला प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि वे बालश्रम रोकने में प्रशासन का सहयोग करें।