दिनांक 29/4/25 नई दिल्ली, मंगलवार:
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले में 28 निर्दोष नागरिकों की बर्बर हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस कायराना हमले की जिम्मेदारी भले ही किसी आतंकी संगठन ने ली हो, लेकिन भारत ने इसके पीछे सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए कड़े कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ एक के बाद एक पाँच बड़े फैसले लिए गए। इन फैसलों से यह स्पष्ट संकेत गया है कि भारत अब सिर्फ शब्दों में नहीं, एक्शन में विश्वास करता है।
1. सिंधु जल समझौता रद्द — पाकिस्तान की खेती पर संकट
भारत ने 60 वर्षों से जारी सिंधु जल समझौते को रद्द करने की तैयारी कर ली है। पाकिस्तान की 80% कृषि सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के जल पर निर्भर है। इन नदियों पर भारत के जल प्रोजेक्ट्स से अब पानी रोका जाएगा, जिससे पाकिस्तान को बिजली और पानी दोनों की भारी किल्लत झेलनी पड़ेगी। यह कदम उसकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ तोड़ सकता है।
2. अटारी बॉर्डर पोस्ट बंद — व्यापारिक रास्ते बंद
भारत ने अटारी बॉर्डर पोस्ट को भी बंद कर दिया है। भले ही औपचारिक व्यापार पहले से रुका था, लेकिन सीमित स्तर पर व्यापार जारी था। अब यह छोटा व्यापार भी पूरी तरह बंद हो जाएगा, जिससे पाकिस्तानी व्यापारियों पर सीधा असर पड़ेगा।
3. साल वीजा योजना खत्म — मानवीय संपर्क भी ठप्प
भारत ने पाकिस्तान के नागरिकों के लिए “साल वीजा” योजना को भी खत्म कर दिया है। पारिवारिक कारणों से आने-जाने वालों को भी अब अनुमति नहीं मिलेगी। साथ ही भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।
4. पाक उच्चायोग पर कड़ा प्रहार — सैन्य संवाद खत्म
नई दिल्ली स्थित पाक उच्चायोग में तैनात थलसेना, वायुसेना और नौसेना सलाहकारों को 7 दिन के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। इसके जवाब में भारत ने इस्लामाबाद स्थित अपने दूतावास से भी सभी सैन्य सलाहकारों को वापस बुला लिया है। इसका मतलब है, अब दोनों देशों के बीच सैन्य या रणनीतिक बातचीत संभव नहीं होगी।
5. पाकिस्तान से हर रिश्ता खत्म — अलग-थलग करने की मुहिम शुरू
इन सभी फैसलों से भारत ने साफ कर दिया है कि वह पाकिस्तान से हर प्रकार का संबंध खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है — न वीजा, न व्यापार, न संवाद। यह कदम सिर्फ बदले की भावना नहीं, बल्कि पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने की रणनीति है।
“कूटनीतिक हथियारों से लिया गया शहीदों का बदला”
भारत की यह ‘सर्जिकल डिप्लोमेसी’ पाकिस्तान की कमर तोड़ने के लिए काफी साबित हो रही है। पहलगाम के शहीदों को यह कूटनीतिक श्रद्धांजलि न सिर्फ भारत की नीति में बदलाव का संकेत है, बल्कि यह भी साफ कर देती है कि अब देश आतंक के खिलाफ पूरी ताकत से खड़ा है।