श्योपुर, 13 अप्रैल 2025 |
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा के निर्देशानुसार पराली प्रबंधन को लेकर जिले में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में कृषि विभाग के अधिकारी गांव-गांव पहुंचकर किसानों को खेतों में पराली न जलाने की समझाइश दे रहे हैं।
अधिकारियों द्वारा किसानों को बताया गया कि पराली जलाने से न केवल मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती है, बल्कि उसमें मौजूद लाभकारी जीवाणु भी नष्ट हो जाते हैं, जिससे दीर्घकालीन रूप से फसल उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त, पराली जलाने से वायु प्रदूषण भी बढ़ता है, जिससे जनस्वास्थ्य पर भी खतरा मंडराता है।
कृषि विस्तार अधिकारी देशराज सेमिल, शिव सिंह, गंगादीन माहौर, संजू शाक्य, एवं कैलाश जाटव ने ग्राम ललीतपुरा, लाथ, मेखडाहेड़ी, सारसल्ली, बिलेण्डी, नयागांव, ढोंढपुर, सिरसौद, शाहपुरा, प्रेमपुरा, हथवाड़ी, कुडायथा, मऊ, जानपुरा, पर्तवाड़ा और पनवाड़ा का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने किसानों को पराली से भूसा बनाने की सलाह दी, जिससे न केवल आय का स्रोत बढ़ाया जा सकता है, बल्कि मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था भी की जा सकती है। बताया गया कि एक ट्रॉली भूसे से लगभग 2000 रुपये की आय प्राप्त की जा सकती है।
इसके साथ ही किसानों को चेतावनी भी दी गई कि पराली जलाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। नियमों के अनुसार, दो एकड़ से कम भूमि पर पराली जलाने पर 2500 रुपये, दो से पांच एकड़ पर 5000 रुपये तथा पांच एकड़ से अधिक भूमि पर 15000 रुपये तक का अर्थदंड अधिरोपित किया जाएगा।
कृषि विभाग द्वारा जारी यह मुहिम न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि किसानों के हित में भी लाभकारी साबित हो सकती है।