Wednesday, July 23, 2025

कूटरचित व्यवस्थापन प्रकरण में बड़ा निर्णय — 22 लोगों की 41 बीघा भूमि शासकीय घोषित न्यायालय अपर कलेक्टर ने सुनाया आदेश, नायब तहसीलदार को दिए अमल के निर्देश

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श्योपुर, 06 अप्रैल 2025।
ग्राम बडौदाराम में कूटरचित तरीके से जारी किए गए पट्टों के मामले में बड़ा प्रशासनिक निर्णय लिया गया है। अपर कलेक्टर अतेन्द्र सिंह गुर्जर की न्यायालय ने 22 व्यक्तियों के नाम दर्ज कुल 41 बीघा भूमि को शासकीय दर्ज करने का आदेश पारित किया है। यह कार्रवाई गैर-अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बाहरी व्यक्तियों को अवैध रूप से जारी पट्टों के विरुद्ध की गई है।

अभिलेख जांच शाखा श्योपुर के प्रभारी अधिकारी डिप्टी कलेक्टर द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के अनुसार, ग्राम बडौदाराम के बाहर निवासरत और गैर पात्र व्यक्तियों को वर्ष 2000 के बाद पट्टे जारी किए गए थे। उक्त पट्टों के समर्थन में कोई वैध दस्तावेज या प्रमाण भी नहीं प्रस्तुत किए गए थे, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि पूरी प्रक्रिया नियमों के विरुद्ध संपन्न हुई।

न्यायालय ने यह भी उल्लेख किया कि अधिकांश मामलों में नायब तहसीलदार द्वारा यह जांच ही नहीं की गई कि संबंधित व्यक्ति भूमिहीन है या नहीं, या वह ग्राम बडौदाराम का निवासी है या नहीं। इस आधार पर समूची प्रक्रिया को कूटरचित और विधि विरुद्ध मानते हुए भूमि को शासकीय घोषित किया गया।

इस मामले में जिन व्यक्तियों के नाम से व्यवस्थापन निरस्त किए गए हैं, उनमें हरियाणा निवासी चंद्रमल सेनी, रतीराम सेनी, ग्राम सोठवा के रमेश मीणा, ग्राम चरोंद की द्वारिका, प्रकाशी, गायत्री, ग्राम सीसवाली की राजेन्त्रा बाई, बडौदाराम की नाथी बेवा रामचंद्र मीणा, कल्याणी मीणा (वारिसान रमेश, लाखन, गिर्राज, विद्या बाई), रामलखन मीणा (वारिसान बिरमा बाई, गिरधर, उमा, वंदना), गोकुल मीणा, रामअवतार खाती, शांति गुर्जर, गायत्री गुर्जर, राम सिंह मीणा, हंसराज मीणा, शंभू मीणा, बलराम मीणा, सुल्तान मीणा, सीताराम मीणा, जुगराज मीणा, राजू मीणा एवं शंभू मीणा शामिल हैं।

न्यायालय के आदेशानुसार, नायब तहसीलदार वृत्त मानपुर को भूमि शासकीय दर्ज करने की कार्रवाई तुरंत प्रभाव से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

यह निर्णय जिले में फर्जी तरीके से किए गए भूमिगतरणों पर प्रभावी अंकुश लगाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है

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