Thursday, December 19, 2024

बुराई पर अच्छाई का प्रतीक बिजया दशमी महोत्सव शहर के मेला मैदान पर हुआ रावण, मेघनाद के पुतलों का दहन

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श्योपुर

विजयदशमी पर्व शनिवार को जिलेभर में हर्षोल्लास से मनाया गया। सुबह दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ तो शाम को जिला मुख्यालय सहित जिलेभर में बुराई के प्रतीक रावण, मेघनाद तो कहीं रावण के साथ कुंभकरण के पुतले जलाए गए। प्रत्येक वर्ष की भांति एस वर्ष भी रामतलाई हनुमान मंदिर पर राम लीला का 154 वा रामलीला का मंचन हुआ इसी दोरान रावण बध मेला ग्राउंड में किया जाता रहा है मुख्य आयोजन जिला मुख्यालय स्थित मेला मैदान में हुआ। यहां दशहरा उत्सव समिति ने रावण और मेघनाद के विशालकाय पुतलों का दहन किया। विजया दशमी समारोह शाम 4 बजे टोड़ी गणेश बाजार स्थित श्रीलक्ष्मीनारायण मंदिर से भगवान श्रीराम के चल समारोह के साथ शुरू हुआ। इस चल समारोह के आगे कलाकार अखाड़ेबाजी के करतब दिखा रहे थे। चल समारोह का मुख्य आकर्षण भगवान श्रीराम और दशानन की सेना के बीच युद्ध का नाटकीय प्रदर्शन रहा। एक वाहन में दशानन की सेना के रुप में रावण के साथ मेघनाद और दूसरे किरदार श्रीराम की सेना पर बाण वर्षा कर रहे थे। भगवान श्रीराम, भरत, लक्ष्मण और हनुमान के साथ दूसरे वाहन में विराजित थे। चल समारोह मेन बाजार होता हुआ श्रीरामतलाई हनुमान मंदिर पहुंचा। वहां महाआरती के बाद रावण का दहन किया गया। श्योपुर में 154 वर्ष से रावण दहन हो रहा है। जहाँ दूर दराज  से लोग देखने हेतु आते है यहाँ एक तरफ श्री राम की सेना तो दूसरी और रावण की सेना होती है कलाकारों द्वारा बहूत सुन्दर प्रस्तुती दी जाती है जो हर किसी के मन को मोह लेती है

दशमी कार्यक्रम मेला ग्राउंड श्योपुर में रावण दहन के दौरान कलेक्टर  किशोर कुमार कन्याल, अपर कलेक्टर डॉ अनुज कुमार रोहतगी, विधायक  बाबू जंडेल, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती रेणु सुजीत गर्ग एवम अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद हैं

 इसके साथ ही जिले की तीनो तहसील बड़ौदा-कराहल, विजयपुर में जला रावण विजयादशमी पर जिलेभर में रावण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया गया। जिला मुख्यालय के बाद सबसे बड़ा आयोजन बड़ौदा के पर्यटक स्थल चंद्रसागर तालाब के पास दशहरा मैदान में किया गया। नगरपरिषद अध्यक्ष भरोसी बाई सुमन, अध्यक्ष प्रतिनिधि राजू सुमन, एसडीओपी प्रवीण अष्ठाना सहित प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों, पार्षदों व गणमान्य नागरिकों की मौजूदगी में समारोह पूर्वक हुए आयोजन के बाद रावण-मेघनाद के पुतलों का दहन किया गया। करहाल में 41 फीट के रावण के पुतले का दहन किया गया। विजयपुर में श्रीराम-रावण के युद्ध का नाटक-मंचन कर रावण के पुतले को आग लगाकर उसका दहन किया गया

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