Monday, December 23, 2024

इंवेस्टिगेशन एजेंसियो के नाम पर ठगी के संबंध में एडवाईजरी जारी

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श्योपुर, 12 -4- 2024
कलेक्टर  लोकेश कुमार जांगिड द्वारा राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय मप्र के दिशा-निर्देशानुसार इंवेस्टिगेशन एजेंसियो के नाम पर डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने के संबंध में एडवाईजरी जारी की गई है तथा नागरिको से सर्तक रहने की अपेक्षा की गई है।
साइबर अपराधो की रोकथाम के संबंध में राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय मप्र द्वारा जारी एडवाईजरी के अनुसार पिछले कुछ समय से एक विशेष प्रकार का अपराध देखने में आ रहा है, जिसमें सायबर अपराधी कॉल अथवा व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से संपर्क करते है, यह कॉल अधिकाशतः+92 पाकिस्तानी नंबर या किसी अन्य देश के नंबर+91 के अतिरिक्त से आते है।
संदिग्ध व्यक्ति कॉल करके आपके डराते हुए यह कहते है कि आपके पैन/आधार कार्ड का उपयोग करके पार्सल भेजा गया है, जिसमे नार्कोटिक्स नशीली सामग्री है, जालसाज एनसीबी, सीबीआई, ईडी अथवा एनआईए आदि एजेंसियो के अधिकारी के नाम से बदल बदलकर कभी कॉल, कभी व्हाट्सएप वीडियो कॉल करते है और कहते है कि उन्होने आपके नाम से एक पार्सल पकडा है, जिसमें नार्कोटिक्स सामग्री है। जालसाजो द्वारा कभी आपको कोर्ट फीस देने या जमानत देने के नाम से अथवा आपका नाम केस से हटाने के नाम पर पैसे की मांग की जाती है। कभी-कभी वीडियो कॉल पर पुलिस अधिकारी से बात करने को भी कहते है, वीडियो कॉल पर रहते हुऐ आपके एक फर्जी नोटिस दे दिया जाता है, जिसमें आपके डिजिटल अरेस्ट करते हुए घर में ही रहने को कहा जाता है और कहा जाता है कि आप स्वयं को किसी कमरे में बंद करले तथा उनके सभी सवालो के जवाब दे। यह भी कहा जाता है कि कमरे के सामने ही रहना है, कमरे में यदि कोई और आया तो आप दोनो की गिरफ्तार कर लिया जायेगा।
धीरे-धीरे आपको और अधिक डराया जाता है और आपकी निजी व खातों तथा विभिन्न इंवेस्टमेंट की जानकारी आपसे ले ली जाती है। अंत में यह कहकर कि शायद आपके गलत फंया दिया गया है, आप जांच पूरी होने तक अपना पैसा आरबीआई/ भारत सरकार के खाते में जमा कर दें, जो जांच पूरी होने के बाद आपको लौटा दिया जायेगा। इस पूरी कार्यवाही के दौरान आपको न ही किसी भी संपर्क करने का मौका दिया जाता है, न ही बाहर जाने दिया जाता है और इस प्रकार आपसे मोटी रकम जमा करा ली जाती है।
यह सावधानी बरते
अनजान नंबर खासकर जो+92 से शुरू होते हो, से आने वाले कॉल, व्हाट्सएप कॉल/वीडियो कॉल, टेलीग्राम कॉल न उठाये। भारतीय कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई नियम नही है, अतः किसी के कहने पर या डर से खुद को कही बंद न करे। अपनी निजी जानकारी जैसे बैंक खाते संबंधी, आधार आदि को किसी के सांझा न करें। कोई भी संस्था आपसे आपका निजी पैसा किसी भी शासकीय खाते में जमा करने या सुरक्षित करने की सलाह नही देता। अतः कभी भी अपना पैसा किसी अनजान खाते में ट्रांसफर न करे। यदि आपके साथ कोई सायबर अपराध घटित होता है तो उसकी शिकयत अपने नजदीकी पुलिस थाने में या www.cybercrime.gov.in या साइबर क्राईम हेल्पलाइन टॉल फ्री नंबर 1930 पर करें।

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