श्योपुर, 27 जुलाई 2025।
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा ने शुक्रवार, 1 अगस्त तक सभी शासकीय स्कूल भवनों की मरम्मत के प्रस्ताव अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग और डीपीसी समन्वय बनाकर यह कार्य समय पर सुनिश्चित करें।
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन स्कूलों की छत क्षतिग्रस्त है और वर्षा के दौरान पानी टपक रहा है, उन भवनों में बच्चों को कतई न बैठाया जाए। मरम्मत होने तक इन स्कूलों में वैकल्पिक कक्षाओं की व्यवस्था प्राथमिकता से सुनिश्चित की जाए।
यह निर्देश कलेक्टर वर्मा ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान दिए। बैठक में सीईओ जिला पंचायत अतेन्द्र सिंह गुर्जर, जिला शिक्षा अधिकारी एम.एल. गर्ग, सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण राकेश गुप्ता, डीपीसी डॉ. पी.एस. गोयल, सहायक संचालक यश जैन, बीईओ श्योपुर श्रीमती मधु शर्मा, कराहल पी.के. श्रीवास्तव, बीईओ विजयपुर सहित तीनों विकासखंडों के बीआरसी, सीएसी, संकुल प्राचार्य एवं शिक्षा विभाग से जुड़े अभियंता मौजूद रहे।
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि संकुल प्राचार्य व सीएसी अपने-अपने क्षेत्र में स्कूल भवनों का भौतिक सत्यापन करें। मरम्मत योग्य भवनों एवं जिन स्कूलों में अतिरिक्त कक्षों की आवश्यकता है, उनकी सूची तैयार कर संबंधित बीईओ एवं बीआरसी को शीघ्र प्रेषित करें।
मध्यान्ह भोजन पर विशेष निगरानी के निर्देश
कलेक्टर वर्मा ने मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता को लेकर भी स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भोजन मैन्यू और बच्चों की संख्या के अनुसार ही बने। वर्षाकाल को देखते हुए खास सतर्कता बरती जाए, ताकि कोई जहरीला कीड़ा आदि भोजन में न गिरे। एमडीएम का निर्माण खुले में न कर, केवल स्वच्छ किचन शेड में ही किया जाए।
सीएसी को सभी स्कूलों में एमडीएम निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है। साथ ही लापरवाही बरतने वाले स्वसहायता समूहों को हटाने की कार्यवाही भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।