दिनांक: 11 जुलाई 2025
9 हजार हेक्टेयर में होती है सिंचाई, डैम की क्षमता का 86.83% भराव
श्योपुर जिले के प्रमुख सिंचाई स्रोतों में शामिल ऐतिहासिक आवदा डैम में अच्छी बारिश के चलते सावन मास में जलस्तर 38 फीट तक पहुंच गया है। जबकि इस बांध की अधिकतम भराव क्षमता 42 फीट है। वर्तमान में बांध में 39.07 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी का भराव है, जो कुल क्षमता 45.038 एमसीएम का 86.83% है।
कलेक्टर ने दिया सतत निगरानी का निर्देश
जिला कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा ने शुक्रवार को आवदा डैम का स्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया। उनके साथ जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती गुड्डी बाई आदिवासी, अपर कलेक्टर अतेन्द्र सिंह गुर्जर, एसडीएम मनोज गढ़वाल, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री चैतन्य चौहान, सीईओ जनपद राकेश शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर वर्मा ने जल संसाधन विभाग को निर्देश दिए कि डैम पर एसडीओ एरीगेशन सहित अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाए तथा जलस्तर पर निरंतर निगरानी रखी जाए। साथ ही एसडीएम को निर्देशित किया गया कि पटवारी और पंचायत सचिव की ड्यूटी लगाकर प्रतिदिन की रिपोर्टिंग सुनिश्चित की जाए।
मरम्मत के लिए नए सिरे से बनेगा स्टीमेट
कलेक्टर ने बांध की दीवार की मजबूती के लिए वर्ष 2023 में डाउन स्ट्रीम में डाले गए 425 मीटर लंबे और 5 मीटर चौड़े राफ्ट कार्य का भी जायजा लिया। उन्होंने एरीगेशन विभाग को बांध की मरम्मत कार्य का नया स्टीमेट बनाकर भेजने के निर्देश दिए।
जल संसाधन विभाग का दावा – डैम सुरक्षित
कार्यपालन यंत्री चैतन्य चौहान ने जानकारी दी कि फिलहाल डैम पूरी तरह सुरक्षित है। जल्द ही डैम सेफ्टी टीम द्वारा भी निरीक्षण कराया जाएगा ताकि किसी भी आपदा की आशंका को पहले ही रोका जा सके।
सिंचाई में निभा रहा अहम भूमिका
आवदा डैम की कुल पक्की दीवार की लंबाई 1158 मीटर और मिट्टी पाल की लंबाई 4497 मीटर है। लगभग 6 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला यह डैम 233 वर्ग किलोमीटर के विशाल कैचमेंट एरिया से पानी संग्रह करता है। यहां से निकली नहरों के माध्यम से दो दर्जन गांवों के करीब 9 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है।
यह डैम 1934 में सिंधिया स्टेट द्वारा बनवाया गया था और तब से यह रबी सीजन में किसानों की जीवनरेखा बना हुआ है।