श्योपुर, 17 जून 2025
श्री हजारेश्वर महादेव मेले के संचालन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मेले का ठेका 10 मई से 9 जून तक के लिए 50.11 लाख रुपये में मेसर्स कृष्णा इंटरप्राइजेज, ग्वालियर को दिया गया था। अनुबंध की अवधि समाप्त होने के बाद भी मेला ठेकेदार द्वारा अवैध रूप से मेला संचालित किया जा रहा है, जिससे नगर पालिका को प्रति दिन ₹1.67 लाख की राजस्व हानि हो रही है।
पार्षदों का आरोप – ठेकेदार से वसूला जाए हानि का पैसा
वार्ड क्रमांक 6 के पार्षद सलाउद्दीन बेलिम और वार्ड क्रमांक 11 के सुमेर ने नगर पालिका सीएमओ आर.आर. यादव को लिखित आवेदन सौंपकर मेला तत्काल बंद कराने अथवा 10 जून से जितने भी दिन मेला चला, उसका प्रतिदिन के हिसाब से शुल्क वसूलने की मांग की है। पार्षदों का कहना है कि यह जनता के पैसे की खुली लूट है और अधिकारी इसमें मौन समर्थन दे रहे हैं।
बिना स्वीकृति मेला बढ़ाया, विपक्ष का आरोप – सत्ता पक्ष की मिलीभगत
पार्षदों ने बताया कि 9 जून के बाद न तो परिषद से स्वीकृति ली गई और न ही पीआईसी (परिषद की स्थायी समिति) से मेला अवधि बढ़ाने का अनुमोदन लिया गया। इसके बावजूद 15 जून को लाफ्टर शो का आयोजन कर ठेकेदार द्वारा मेला चालू रखा गया, जिससे भ्रष्टाचार और सत्ता पक्ष की मिलीभगत के आरोप और मजबूत हो गए हैं।
आदिवासी महिला अध्यक्ष का हो रहा दुरुपयोग?
मेला समिति की अध्यक्ष नाथी बाई, जो कि एक गरीब आदिवासी महिला हैं, उनके नाम पर मेले का संचालन किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर उठ रहे सवालों में कहा जा रहा है कि जिम्मेदार अधिकारी व नेता अध्यक्ष की अनभिज्ञता का फायदा उठाकर आयोजन में भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। खासकर 14 लाख रुपये के आर्केस्ट्रा कार्यक्रम में अनियमितता के आरोप लगे हैं।
नहीं काटी गई बिजली, नहीं रोका संचालन
अनुबंध समाप्ति के बाद नियमानुसार मेले की बिजली काटकर संचालन बंद किया जाना था, लेकिन नगरपालिका प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इससे साफ संकेत मिलते हैं कि इस अवैध संचालन में जिम्मेदारों की चुप्पी और मिलीभगत है।
📞 मीडिया से बचते नजर आए सीएमओ
क्राइम नेशनल न्यूज़ द्वारा इस पूरे मामले में नगर पालिका सीएमओ राधारमण यादव से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने मीडिया का फोन उठाना भी जरूरी नहीं समझा, जिससे संदेह और गहराता जा रहा है कि कहीं वे खुद को जवाबदेही से बचाने की कोशिश तो नहीं कर रहे?
📢 पार्षदों की स्पष्ट चेतावनी: “हम जनता के पैसे की लूट नहीं होने देंगे, न ठेकेदार को छूट देंगे, न अधिकारियों को।”