सीसीटीएनएस पर एमएलसी व पीएम रिपोर्ट अब ऑनलाइन भेजी जायेगी, बाढ़ आपदा से निपटने के लिए व्यापक तैयारी के निर्देश
श्योपुर, 13 जून 2025
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में लॉ एंड ऑर्डर, सिविल डिफेंस और बाढ़ आपदा प्रबंधन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र जैन, अतिरिक्त कलेक्टर, एडिशनल एसपी, एसडीएम, एसडीओपी सहित पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
एमएलसी और पीएम रिपोर्ट अब ऑनलाइन
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि थानों में दर्ज मामलों से संबंधित एमएलसी (मेडिको लीगल केस) और पीएम (पोस्टमार्टम) रिपोर्ट अब सीसीटीएनएस (Crime and Criminal Tracking Network & Systems) पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन भेजी जाएंगी। प्रत्येक रिपोर्ट के लिए ऑपरेटर को ₹100 की राशि दी जाएगी। सभी मेडिकल ऑफिसर यह सुनिश्चित करें कि रिपोर्टें समय पर अपलोड हों।
बाढ़ आपदा से निपटने के लिए व्यापक तैयारी
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि वर्षाकाल को देखते हुए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं:
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तैराकों की सूची मोबाइल नंबर सहित तैयार की जाए।
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हैंडपंप, कुएं आदि जल स्रोतों का क्लोरीनेशन कराया जाए।
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मोबाइल नेटवर्क व टावरों की कनेक्टिविटी बनी रहे, उनके लिए 8 घंटे का बैटरी बैकअप और जनरेटर की व्यवस्था अनिवार्य की जाए।
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संवेदनशील ग्राम सूंडी और सांड में टीमें तैनात की जाएं, एसडीआरएफ की एक टीम विजयपुर और एक बड़ौदा में रखी जाए।
लॉ एंड ऑर्डर के लिए प्रभावी कार्रवाई के निर्देश
पुलिस अधीक्षक श्री वीरेन्द्र जैन ने स्पष्ट निर्देश दिए कि असामाजिक तत्वों के विरुद्ध NSA, जिलाबदर और बाउंडओवर की कार्रवाई की जाए।
कलेक्टर ने कहा कि भूमि विवादों की सतत निगरानी हो तथा कानून सम्मत कार्रवाई की जाए। एसडीएम और एसडीओपी समन्वय से काम करें।
सिविल डिफेंस के लिए प्रशिक्षण और संसाधन तैयार
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हर थाना प्रभारी 10-10 वालंटियर भेजे प्रशिक्षण के लिए।
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अब तक 1045 वालंटियर को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
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जिले में 28 सायरन उपलब्ध हैं, संवेदनशील स्थानों की पहचान की जाए।
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ट्रॉमा सेंटर, बर्न यूनिट और इमरजेंसी सेवाओं की समीक्षा कर तैयारियां पूरी रखें।
प्रभावी सूचना व्यवस्था के निर्देश
राजस्थान सीमा से लगी नदियों के पुलों और उन पुलियों पर, जहां वर्षा में जलभराव होता है, साइनबोर्ड और चेतावनी संकेतक लगाए जाएं।
यह बैठक आगामी मानसून सीजन में किसी भी आपदा से निपटने के लिए प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के समन्वित प्रयासों की दिशा में एक मजबूत पहल के रूप में देखी जा रही है।