ज़मीनी घोटाले की गूंज: पटवारी ने किया खेल, कलेक्टर मौन
श्योपुर, दिनांक 9/4/25
ग्राम काशीपुर में ज़मीन को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है — जहां एक पटवारी ने खुलेआम रजिस्टर्ड रजिस्ट्री वाली ज़मीन को घुमा-फिरा कर किसी और के नाम चुपचाप दर्ज कर दिया! मामला सिर्फ ज़मीन का नहीं, सिस्टम के मुंह पर तमाचा है।
प्रार्थी गजानन्द खटीक का दावा है कि उन्होंने 1989 में नाथ्या पुत्र अमरया से 5 बीघा ज़मीन (सर्वे नंबर 391/मिन) की रजिस्ट्री खरीदी थी। राजस्व रिकॉर्ड में नाम भी दर्ज हो चुका था, यानी सब कुछ कानून के दायरे में था। फिर अचानक क्या हुआ?
पटवारी की ‘पैठ’ और खेल की चाल
ग्राम काशीपुर के पटवारी ने सांठगांठ करके, बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के, खसरे में सीधे किसी और का नाम चढ़ा दिया! ना कोई सुनवाई, ना कोई नोटिस – सीधा हेराफेरी!
टीएल में हुआ खुलासा – फिर भी खामोशी क्यों?
4 फरवरी 2025 को शिकायत कलेक्टर के पास पहुंची (टीएल क्रमांक 487475)। जांच हुई, 25 फरवरी को नायब तहसीलदार ने भी सच माना (क्रमांक 495519/25/02/25)। बावजूद इसके कलेक्टर ऑफिस में अभी तक सन्नाटा पसरा है। सवाल ये उठता है — क्या ये महज़ लापरवाही है या फिर कहीं बड़े खेल की बू?
प्रार्थी का दर्द, सिस्टम की चुप्पी
गजानन्द कहते हैं, “मेरे पास रजिस्ट्री भी है, नामांतरण भी हो चुका था। लेकिन पटवारी ने सांठगांठ कर ज़मीन हड़पवा दी। अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई, इंसाफ की उम्मीद अब मीडिया और जनता से है।”
🔥 सवाल उठता है –
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आखिर कलेक्टर श्योपुर इस फर्जीवाड़े पर चुप क्यों हैं?
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क्या सिस्टम भ्रष्टाचार के आगे बेबस है?
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क्या आम आदमी की ज़मीन अब सुरक्षित नहीं?
रिपोर्ट: क्राइमनेशनल न्यूज – न्याय की उम्मीद अब जनता की आवाज से!