श्योपुर, 04 अप्रैल 2025
जिले की बहुउद्देशीय कृषि साख सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों के लंबित वेतन को लेकर उत्पन्न स्थिति पर सहायक आयुक्त सहकारिता ध्रुव कुमार झारिया ने वस्तुस्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने कहा कि ये समितियाँ स्वायत्त निकाय हैं, जिनका स्वतंत्र अस्तित्व है तथा ये स्वयं के अथवा शासन द्वारा प्रायोजित व्यवसाय का संचालन करती हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि अपने कर्मचारियों को वेतन भुगतान करना संबंधित समिति का ही दायित्व है, न कि शासन का।
47 समितियों में 200 से अधिक कर्मचारी कार्यरत
श्योपुर जिले में कुल 47 बहुउद्देशीय कृषि साख सहकारी समितियाँ कार्यरत हैं, जिनमें 200 से अधिक कर्मचारी नियुक्त हैं।
मध्यप्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी संघ, जिला श्योपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिले की इन 47 समितियों में से 27 समितियों में पिछले 2 माह से लेकर 12 माह तक का वेतन भुगतान लंबित है।
इनमें से –
-
20 समितियों में 6 माह से अधिक का वेतन भुगतान शेष है।
-
जबकि 7 समितियों में 6 माह से कम समय का वेतन बकाया है।
समितियों की जिम्मेदारी तय
सहायक आयुक्त ने दोहराया कि चूंकि ये संस्थाएं स्वायत्त हैं और अपना व्यवसाय संचालित करती हैं, अतः अपने कर्मियों के वेतन का दायित्व भी इन्हीं समितियों पर है। शासन इस मामले में केवल मार्गदर्शन या नियामकीय भूमिका निभाता है।
कर्मचारियों की चिंताजनक स्थिति
लंबे समय से वेतन न मिलने के कारण कर्मचारियों में असंतोष की स्थिति देखी जा रही है। कई कर्मचारी आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं और शीघ्र समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।
संवाददाता नोट:
यह विषय प्रशासनिक और मानवीय दोनों ही दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। ऐसे में संबंधित समितियों को चाहिए कि वे अपने कर्मियों के हित में शीघ्र ठोस कदम उठाएं