जल संसाधन मंत्री ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा
अमन संवाद / भोपाल
जल संसाधन मंत्री तुलसी राम सिलावट ने कहा है कि सभी मुख्य अभियंता अपने- अपने कछारों का निरीक्षण करें और आगामी वर्षा काल से पहले नहरों के सुधार कार्य अनिवार्य रूप से पूर्ण करा लें। नहर के अंतिम छोर तक किसान को सिंचाई के लिए जल मिलना चाहिए। जल संरचनाओं के आस-पास से अतिक्रमण हटाए जाएं एवं वृक्षारोपण किया जाए।
जल संसाधन मंत्री सिलावट ने ये निर्देश प्रमुख अभियंता जल संसाधन कार्यालय में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में दिए। जल संसाधन विभाग के अंतर्गत निर्मित परियोजनाओं में लगभग 39 हजार 240 किलोमीटर लंबाई की नहरें निर्मित हैं।
मंत्री सिलावट ने कहा कि वे स्वयं भी विभिन्न परियोजनाओं के कार्यो का औचक निरीक्षण करेंगे।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा, प्रमुख अभियंता शिरीष मिश्रा, सभी कछारों के मुख्य अभियंता और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
जल संसाधन मंत्री ने निर्देश दिए कि नहरों के सुधार के लिए रिपेयर, रेस्टोरेशन एवं रिनोवेशन (RRR) मद में प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार जल शक्ति मंत्रालय को आगामी 7 दिन में भिजवाए जाएं। साथ ही वृहद मध्यम परियोजनाओं की नहरों के सुधार के लिए एक्सटेंशन, रिनोवेशन और मॉडरनाइजेशन (ERM) मद के अंतर्गत स्वीकृति प्राप्त की जाए।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार मोदी की गारंटी वाली सरकार हैं। योजनाओं का पूरा लाभ आमजन को गारंटी के साथ दिया जाता है।
उन्होंने निर्देश दिए कि निर्माणाधीन सभी सिंचाई परियोजनाओं का कार्य तेज गति से हो, उच्चगुणवत्ता युक्त हो तथा समयावधि में पूर्ण हो, यह सुनिश्चित किया जाए।
स्वीकृत सिंचाई परियोजनाओं में लाभांवित होने वाले गांवों के नाम एवं किसानों की संख्या सहित जानकारी संकलित की जाए। साथ ही परियोजनाओं से सिंचाई के अलावा किसानों को एवं वहाँ स्थापित उद्योगों को होने वाले लाभ रोजगार आदि का आंकलन भी किया जाए।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि किसानों से जल-कर वसूली कार्य में मूल राशि ही जमा करवाने और पैनल्टी माफ किए जाने के संबंध में मुख्यमंत्री से चर्चा किए जाकर कैबिनेट के माध्यम से निर्णय लिया जाएगा। बताया गया कि विभाग में लगभग 800 करोड़ की जल-कर वसूली बकाया है