श्योपुर, 06 जुलाई 2025
भारत सरकार की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत संचालित सुकन्या समृद्धि योजना को लेकर कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा ने जिलेवासियों से इस योजना से जुड़ने की अपील की है। उन्होंने आमजन, स्वयंसेवी संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों, प्रबुद्ध नागरिकों और मीडिया से आग्रह किया है कि इस महत्वाकांक्षी योजना के प्रचार-प्रसार में सहयोग करें, ताकि अधिक से अधिक बेटियों को इसका लाभ मिल सके।
कलेक्टर ने कहा, “बेटी है जहाँ, खुशियाँ हैं वहाँ। सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाएं और घर-घर में खुशहाली लाएं।” यह योजना बालिकाओं की उच्च शिक्षा एवं विवाह के लिए एक आर्थिक संबल देने हेतु शुरू की गई है, जो कन्या अभिभावकों के लिए एक प्रकार से वरदान साबित हो रही है।
खाता खोलने की पात्रता और लाभ
इस योजना के अंतर्गत जन्म से लेकर 10 वर्ष तक की बालिकाओं के नाम से खाता खोला जा सकता है।
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एक बेटी के नाम पर एक खाता
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माता-पिता या अभिभावक अधिकतम दो बेटियों के लिए खाता खोल सकते हैं
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जुड़वां बेटियों की स्थिति में, प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर तीसरा खाता भी खोला जा सकता है
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न्यूनतम वार्षिक जमा: ₹250
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अधिकतम वार्षिक जमा: ₹1,50,000
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योजना पर 8.2% की दर से ब्याज प्रदान किया जाता है
कलेक्टर वर्मा ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति ₹1,000 मासिक जमा करता है तो 15 वर्षों में ₹1.80 लाख की राशि जमा होगी, जो 21 वर्ष की परिपक्वता पर ब्याज सहित बढ़कर ₹5,64,613 तक हो सकती है।
निकासी और परिपक्वता की शर्तें
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बेटी के 18 वर्ष पूर्ण होने पर कुल राशि का 50% निकाला जा सकता है
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21 वर्ष की आयु पर खाता परिपक्व होता है
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यदि विवाह 18 वर्ष के बाद एवं 21 वर्ष से पूर्व होता है तो खाता बंद किया जा सकता है, और संपूर्ण राशि ब्याज सहित मिलती है
अतिरिक्त लाभ
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जमा राशि पर आयकर में छूट
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खाता देश के किसी भी हिस्से में स्थानांतरित किया जा सकता है
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आवश्यक दस्तावेज: बेटी का जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता का फोटो पहचान पत्र, पता प्रमाण, एवं फोटो
कलेक्टर ने जानकारी दी कि योजना से जुड़ी अधिक जानकारी हेतु नागरिक श्योपुर डाकघर, पर्यवेक्षक, निरीक्षक डाकघर, विकास अधिकारी पोस्ट मास्टर, या जिले के किसी भी डाकघर के पोस्ट मास्टर से संपर्क कर सकते हैं।
वर्मा ने अंत में कहा कि “हर बेटी को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने में यह योजना एक सशक्त माध्यम है। हम सभी को इसमें सहभागिता करनी चाहिए।”