महाराष्ट्र में अखिल भारतीय गौ रक्षा महासंघ द्वारा पदभार जितेंद्र सिंह पंवार बने प्रभारी,दिया एकनाथ शिंदे सरकार को समर्थन अखिल भारतीय गौ रक्षा महासंघ द्वारा महाराष्ट्र में गौ माता को लेकर सरकार द्वारा जो गौ माता को राज्य माता का दर्जा दिया उसे लेकर तमाम गौ रक्षा संगठनों में हर्ष व्याप्त है, दुसरी तरफ सरकार को सोचना चाहिए राजस्थान प्रदेश में गौ माता को लेकर राज्य माता घोषित करने हेतु अनेक सनातनी संगठन और संतों द्वारा भी और गौ रक्षा संगठनों द्वारा भी और बहुत सारे गौ भक्त विधायक के माध्यम से मंत्रियों के माध्यम से विपक्ष के माध्यम से पत्र सरकार को दिया गया है जिस पर अभी तक फैसला नहीं दिया, अखिल भारतीय गौ रक्षा महासंघ राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह पंवार पर विश्वास जताते हुए, महाराष्ट्र में प्रभारी पद पर नियुक्त किया गया है जिसमें सभी महाराष्ट्र में गौशाला एवं जो भारी मात्रा में अवैध कत्ल खाने संचालित है, समस्त राजस्थान ,मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़,उत्तर प्रदेश, हरियाणा, इत्यादि राज्यों से प्रचंड मात्रा में गो तस्करी रही है, चिंता जाहिर करते हुए सुधार हेतु प्रयास रहेगा मेरा उद्देश्य है कि हम निम्नलिखित कार्यों पर एक सशक्त प्रणाली तैयार करें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को समर्थन के साथ ही निम्न कार्यों को रखा जाएगा हाल ही में जलगांव जिले के अंदर कार्य करने का विस्तार भी प्रारंभ कर दिया गया है, देवीदास तुकाराम इंदलकर को प्रदेश सचिव हेतु तथा जिला अध्यक्ष जलगांव महाराष्ट्र में चेतन पंढरी परदेशी को पद वितरण किया गया सम्पूर्ण महाराष्ट्र में राजस्थान में संगठन द्वारा गौहित सरकार के साथ मिलकर सहयोग कर व्यवस्था को स्थापित किया जायेगा, संगठन द्वारा 26प्रांतो में विस्तार कि रुपरेखा तैयार हो रही है जैसे निन्म योजना बनाई गई है
1. गौसेवकों की पहचान और जनगणना
सभी प्रकार के गौसेवकों (गौशाला संचालक, गौ-तस्करी विरोधी कार्यकर्ता, और गौसेवक) का डेटा संग्रहण करके पहचान पत्र जारी करें ताकि उनकी पहचान और कार्यक्षमता का सही आकलन किया जा सके।
2. गौशालाओं का सदस्यता और रजिस्ट्रेशन सिस्टम
सभी गौशालाओं को संगठन की सदस्यता प्रदान करें और उनका नियमित पंजीकरण सुनिश्चित करें ताकि इनकी जिम्मेदारियाँ और सुविधाएँ स्पष्ट रूप से निर्धारित की जा सकें।
3. गौशालाओं की नियमित रिपोर्टिंग प्रणाली
सभी गौशालाओं से मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक रिपोर्ट संकलित करें, ताकि गौशालाओं की स्थिति, सुविधाओं, और आवश्कताओं की सही जानकारी प्राप्त हो और कार्यवाही की जा सके।
4. गौ-तस्करी की निगरानी और रिपोर्टिंग सिस्टम
एक सक्रिय नेटवर्क तैयार करें, जहाँ ग्रामीण स्तर पर गौ-तस्करी की घटनाओं की रिपोर्ट तुरंत दर्ज हो सके, ताकि समय पर रोकथाम हो सके। इसके लिए स्थानीय स्वयंसेवकों को जागरूक और सक्रिय भूमिका दी जाए।
5. संगठनों और समितियों का डेटा मैनेजमेंट
सभी संगठन, संस्था, समूह और समितियों को हमारी प्रणाली में पंजीकृत कर उनकी रिपोर्टिंग प्रणाली बनाएं, ताकि मिलकर कार्य योजनाएँ बनाई जा सकें।
6. विभागवार प्रशासनिक टीम का गठन
डाटा रिपोर्टिंग, समीक्षा और निर्णय-निर्माण के लिए योग्य सदस्यों की एक सैलरी-युक्त प्रशासनिक टीम बनाएं जो प्रत्येक जिले और प्रदेश में गतिविधियों की निगरानी और डेटा संकलन में सहयोग दे सके।
7. गौ सेवा आयोग का गठन और कार्यान्वयन
प्रत्येक जिले में गौ सेवा आयोग का गठन करें, जिसमें संगठन के सदस्य शामिल हों। यह आयोग गौ सेवा के कार्यों की निगरानी करेगा, गौसेवकों की गतिविधियों को प्रोत्साहित करेगा और गौ-समस्याओं के समाधान के लिए योजनाएँ तैयार करेगा।
8. मुद्दों का दस्तावेजीकरण और समाधान योजना
धरातल पर मौजूद सभी समस्याओं और चुनौतियों को लिखित रूप में दर्ज करें और उनके समाधान के लिए योजनाबद्ध कार्यवाही करें। यह सुनिश्चित करें कि समस्याओं का समाधान केवल कागजों पर न रहकर जमीन पर भी दिखे।
9. संगठन की प्रभावी कार्यप्रणाली (एक ‘गौ मंत्रालय’ का मॉडल)
सरकारी गोपालन मंत्रालय की तर्ज पर हमारी अपनी प्रशासनिक प्रणाली का निर्माण करें, ताकि नीतियाँ और योजनाएँ प्रभावी रूप से लागू हो सकें।
10. NGO, ट्रस्ट और दानदाताओं की भागीदारी
सभी NGO, ट्रस्ट, भामाशाह और दानदाताओं को संगठन का हिस्सा बनाकर उनके अनुभव और संसाधनों का उपयोग करें ताकि सहयोग और फंडिंग की प्रक्रिया सुचारू हो।
11. गौचर भूमि की निगरानी प्रणाली
गौचर भूमि की स्थिति की निरंतर निगरानी के लिए एक रिपोर्टिंग सिस्टम तैयार करें जिससे भूमि का संरक्षण और समुचित उपयोग सुनिश्चित हो सके।
12. गौवंश टैग का डेटा प्रबंधन
सभी गौवंश पर लगाए गए टैग का एक केंद्रीकृत डेटाबेस तैयार करें, जिससे किसी भी गौवंश की पहचान, स्थिति और उसकी स्वास्थ्य जानकारी आसानी से प्राप्त हो सके।
13. सदस्यों के लिए पहचान पत्र और प्रमाण-पत्र प्रणाली
सभी पंजीकृत गौसेवकों, गौशाला संचालकों और दानदाताओं के लिए परिचय पत्र और प्रमाण पत्र तैयार करें, ताकि उनकी भूमिका और जिम्मेदारियाँ स्पष्ट रहें।
14. मंदिरों, पुजारियों और संतों की सदस्यता
सभी मंदिरों, पुजारियों, और संतों का एक सामुदायिक डेटाबेस बनाएं, जिससे इनका सक्रिय सदस्यता रजिस्ट्रेशन हो सके और संगठनात्मक गतिविधियों में उनका सहयोग मिल सके। माफि नाम जमीन पर गौ संवर्धन नंदी शाला निर्माण कार्य शुरू हो गौशालाओ का निर्माण सेवा हो ,उसी तरह मंदिरों में भोग व्यवस्था का प्रबंधन व्यवस्था हो ,
यह प्रस्ताव अधिक व्यावहारिक और कार्यान्वित करने योग्य है। इसे गाँव-गाँव और क्षेत्रीय स्तर पर लागू करने में अधिक सहयोग और भागीदारी मिलने की संभावना बढ़ेगी अखिल भारतीय गौ रक्षा महासंघ भार
BREAKING NEWS