फायरिंग से शुरू हुआ मतदान शांतिपूर्ण कैसे विजयपुर उप चुनाव के दोरान घटती रही छोटी बड़ी घटना कही वोटरो की मार पीट तो कही मत डालने के रोका प्रशासन मूक दर्शक बनकर देखता नजर आया शरारती तत्व करते रहे मतदान प्रभावित
ग्राम धनायचा में 11 नवम्बर को फारिंग और गोली लगने की घटना से शुरू हुआ मतदान जहां मिडिया दल पहुंचा और ली जानकारी
श्योपुर जिले का पहला विधानसभा चुनाव हुआ उसके बाद 13 नवम्बर का समूचे विजयपुर क्षेत्र मे sc /St वोटरों को रोकते टोकते नजर आये तो कही राह चलते पर्ची देकर भी वोट डालने भेजा गया
विजयपुर में हर वर्ग के निवासियों से चर्चा के दौरान बताया गया कि यही हालात ठीक नहीं है तो इलाके में क्या होगा
मिडिया की गाड़ी जब गढ़ी मतदान केंद्र पर पहुंची तब भीड़ एकत्रित थी पुलिस कर्मी व जनता तीतर_ वितर होते नजर आए
ऐसा लगता है कि धनायचा की घटना को निर्वाचन अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया
70 फीसदी से अधिक आदिवासी, दलित और पिछड़ा वर्ग के मतदाता वाले विधान सभा उपचुनाव विजयपुर में 13 नवम्बर को मतदान के दिन जो कुछ देखने को मिला कम से कम श्योपुर जिले के चुनावी इतिहास में तो अब तक कभी देखने को नहीं मिला। जहां सभी प्रकार के बल मिलाकर लगभग 2000 से अधिक जवानों के दम पर जिला निर्वाचन अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक भयमुक्त वातावरण मैं मतदान कराने का दम भर कर खुद की पीठ थपथपाते दिखाई पड़ रहे थे वहीं सोमवार को धनायचा से शुरू हुई गोली बारी की घटना के बाद बुधवार को मतदान दिवस पर जो स्थितियां निर्मीत हुई, देखने और सुनने को मिली वह पश्चिम बंगाल में होने वाले विधान सभा चुनावों की यादे ताजा कर गई। जहां देश के पीएम से लेकर तमाम विपक्षी दल के नेता लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने दलित और पिछड़ा वर्ग को अपना चुनावी मुद्दा बनाकर अपने तमाम खोखले वादे और योजनाएं बढ़ा-चढ़ाकर जनमानस के सामने पेश करते हैं।
बुधवार को विजयपुर उपचुनाव के दौरान सब धराशाही नजर आई। लोकतंत्र का भगवान माना जाने वाला मतदाता बेबस और लाचार दिख रहा था तो तंत्र अपनी बेड़ियो में बंधे होने का अहसास भी कराता रहा। हालाकि जिला निवार्चन अधिकारी द्वारा सामने आने पर उन घटनाओं पर त्वरित कार्यवाही की गई परन्तु सवाल यह खड़ा हो रहा है कि कहां गई वह सब तैयारीयां, जिनके दम पर निर्भीक निष्पक्ष मतदान का दावा निर्वाचन आयोग करता रहा है। मण्डरायल मैं डकैती, मर्डर, मारपीट, जबरन वसूली के आरोपी द्वारा जब अपने अन्य साथियो के साथ आदिवासी ग्राम धनायचा में आदिवासीयों पर फायरिंग कर उन्हे लहूलुहान कर दिया, उसके बावजूद यदि पुलिस प्रशासन ने गंभीरता नही दिखाई तो उसे क्या कहेंगे ? यदि पुलिस और प्रशासन सोमवार की घटना के बाद थोड़ा भी मतदान और मतदाताओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर प्रयास करता तो शायद अब तक जिले के चुनावों में जो देखने को कभी नही मिला वह बुधवार 13 नवम्बर को भी देखने को नहीं मिलता। श्योपुर की अपनी एतिहासिक चुनावी छबि कायम बनी रहती अगर बिना हिंसा के मतदान सम्पन्न हो जाता।
एसी बात नहीं कि मध्यप्रदेश सरकार इस 01 सीट के दम पर सत्ता मैं हैं या यह सीट जीत जाने से कांग्रेस प्रदेश में सरकार बना लेगी। परन्तु दोनो ही दलो द्वारा चुनाव पूर्व से जो माहौल तैयार किया गया वह समझ से परे है। चुनाव मैं सभी दल अपनी पूरी ताकत झोंक कर मतदाताओं को अपनी और आकर्षित करने का प्रयत्न करते हैं करना भी चाहिऐ। लेकिन यह लोकतंत्र मैं एक दिन केअर्न्तगत 03 दिसम्बर 2023 को मतगणना उपरांत विजयी घोषित किये विजयपुर से कांग्रेस , प्रत्याशी का अपने दल से मोह भंग हो जाने के कारण उन्होने भाजपा दल की और रूख कर लिया। सूत्रों की माने तो उन्हे भाजपा ने अपने दल में शामिल करने से पहले उनकी क्षमताओं का आंकलन करने उन्हे लोकसभा चुनाव के दौरान आजमाया। और नतीजा सबके सामने है।
आदिवासी समाज के मतदाताओं का पुलिसे थाने पर प्रदर्शन : वीरपुर थाना इलाके के तेलीपुरा पोलिंग बूथ के आदिवासी मतदाताओं द्वारा मतदान नहीं करने देने के आरोप लगाकर वीरपुर थाने का घेराव किया। साथ ही पुलिस पर भाजपा के इशारे पर काम करने के लगाए आरोप। आदिवासीयों ने रावत समाज के लोगों पर बूथ कैप्चिरिंग करने के आरोप भी लगाये। सोशल मीडीया और जीतू पटवारी प्रदेश कांग्रसे अध्यक्ष द्वारा सोशल मीडीया पर पोसट कर कलेक्टर एसपी को मामले पर धन देने की बात कही गई थी जिसके बाद कलेक्टर ने त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिये।
अंधपुरा में बीटेक करने वाली बालिका बोली नही करने दिया जा रहा मतदान
– विजयपुर के ग्राम अंधपुरा गांव में भी मतदाताओं ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर वोट नहीं डालने देने का आरोप लगाया। वहीं गांव की एक पढ़ी लिखी बालिका ने बताया कि में और मेरे पापा लाईन में लगकर वोट डालने गये लेकिनवोट नही डालने दिया, हमें भगा दिया गया। मेरे सामने मेरे पापा से बहुत गंदा गंदा बोल रहे थे। पुलिस से शिकायत भी की है। प्रदेश निर्वाचन आयोग पहुंचकर कांग्रेस ने बजाई घंटी बोले सोते आयोग को जगा रहे है उपचुनाव विजयपुर में हुई तमाम घटनाओं के बाद कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल घंटी बजाते हुए चुनाव आयोग के भोपाल दफ्तर पहुंचा। कांग्रेस ने विजयपुर उपचुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग सो रहा है इसलिए घंटी बजाकर उसे जगाने आए हैं।
कार्यक्रम के तहत 13 नवम्बर को मतदान सम्पन्न हुआ और 23 नवमबर को मतगगणना होगी।
आदिवासी समाज के मतदाताओं का पुलिस थाने पर प्रदर्शन : वीरपुर थाना इलाके के तेलीपुरा पोलिंग बूथ के आदिवासी मतदाताओं द्वारा मतदान नहीं करने देने के आरोप लगाकर वीरपुर थाने का घेराव किया। साथ ही पुलिस पर भाजपा के इशारे पर काम करने के लगाए आरोप। आदिवासीयों ने रावत समाज के लोगों पर बूथ कैप्चिरिंग करने के आरोप भी लगाये। सोशल मीडीया और जीतू पटवारी प्रदेश कांग्रसे अध्यक्ष द्वारा सोशल मीडीया पर पोसट कर कलेक्टर एसपी को मामले पर ध्यान देने की बात कही गई थी जिसके बाद कलेक्टर ने त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिये।
पहले कांग्रेस फिर भाजपा प्रत्याशी को उठाया पुलिस ने
कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा की पत्नी ने कहा- मुकेश को वोट डालने से पहले पुलिस ने कस्टडी में ले लिया। पुलिस की 4-5 गाड़ी आईं और उन्हें साथ ले गई। वहीं, कराहल टीआई भारत सिंह ने बताया कि मुकेश मल्होत्रा को सुरक्षा की दृष्टि से साथ लिया है। उन्हें पुलिस की गाड़ी से ही मतदान केंद्रों पर निरीक्षण कराएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक्स पर लिखा- मध्यप्रदेश में लोकतंत्र आज अपनी आखिरी सांसें ले रहा है। चुनाव आयोग से आग्रह है कि तुरंत इस स्थिति का संज्ञान लें और मतदाताओं को उनके संवैधानिक अधिकार का प्रयोग करने का अवसर दें। वहीं भाजपा प्रत्याशी और केबिनेट मंत्री मध्यप्रदेश शासन रामनिवास रावत को भी मतदान के उपरांत पुलिस ने उनके घर विजयपुर विश्राम गृह पर रखा।
बीडी शर्मा बोले-प्रशासन को भी देना होगा जवाब
जिला निर्वाचन अधिकारी श्योपुर द्वारा भाजपा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों को जिले की सीमा पर ही रोक दिया। जानकारी के अनुसार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपुरी से कफिले के साथ श्योपुर जिले के विजयपुर बॉर्डर पहुंचे जहां प्रशासन ने उन्हें रोक लिया। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस हार के डर से जो दिमाग चला रही है उसका षडयंत्र सबके सामने आना चाहिए। कांग्रेस के नेता विजयपुर विधानसभा में अंदर कैसे घुसे? उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि इलेक्शन कमीशन और प्रशासन कांग्रेस के दबाव में काम कर रहे हैं? हमारा कोई व्यक्ति है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई करें। शर्मा ने कहा कि आदिवासियों पर हमला किसने किया है? वो कौन है? उनकी गिरफ्तारी कब होगी? इसकी जवाबदेही प्रशासन की है। मैं इसलिए यहां आया हूं। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने कहा- हमारे प्रभारी मंत्री राकेश शुक्ला यहां पर हैं। विधायक और प्रदेश के महामंत्री यहां पर हैं। हम सारे लोग यहां पर हैं, क्योंकि दबाव की राजनीति नहीं चलेगी। इलेक्शन कमीशन अपना काम कर रहा है। नियम कायदे से चुनाव ठीक तरीके से चल रहा था, लेकिन कांग्रेस ने चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया। कार्यकर्ताओं का मनोबल और ताकत बनी रहे, इसलिए हमने कार्यकर्ताओं से कहा है कि इस तरह के दबाव की राजनीति को उखाड़ कर फेंक दीजिए। किसी भी कीमत पर इनकी गुंडागर्दी नहीं चलने दी जाएगी। जीतू पटवारी को कोटा राजस्थान के बॉर्डर पर रोकने के बयान पर शर्मा ने कहा- कानून अपना काम करेगा, जीतू पटवारी के अनुसार काम थोड़ी करेगा चुनाव आयोग।
सेक्टर मजिस्ट्रेट पर हमला, मारपीट की
प्राप्त जानकारी के अनुसार विजयपुर थाना इलाके के दोर्द गांव में सेक्टर मजिस्ट्रेट यतेंद्र छबरी पर 50 से 60 लोगों ने हमला कर दिया। सेक्टर मजिस्ट्रेट फर्जी वोटिंग की शिकायत की जांच करने मौके पर पहुंचे थे। यतेंद्र छारी का कहना है- हंगामे की शिकायत पर में जैसे ही मतदान केंद्र पर पहुंचा तो 50 से 60 लोगों ने घेरकर हमला कर दिया। सभी लोग रावत समाज के थे। मैं पहले विजयपुर अस्पताल जा रहा हूं, बाद में थाने में शिकायत करूंगा। बाद में छारी ने बताया कि इस दौरान उनका मोबाईल और घड़ी भी किसी ने छीन लिया।