श्योपुर, 04 अक्टूबर 2024
जिला मजिस्ट्रेट लोकेश कुमार जांगिड द्वारा आदेश जारी किया गया है कि जिले में प्रतिबंधित एवं स्वास्थ्य तथा पर्यावरण के लिए हानिकारक पटाखों का उपयोग नहीं किया जायें। सिर्फ ग्रीन पटाखों का ही निर्माण, भंडारण, परिवहन, विक्रय और उपयोग किया जाये।
जिला मजिस्ट्रेट लोकेश कुमार जांगिड ने जारी आदेश में कहा है, कि बेरियम सॉल्ट का उपयोग कर निर्मित पटाखों एवं लड़ी (जुडे़ हुए पटाखें) का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। 125 डेसीबल से अधिक ध्वनि तीव्रता वाले पटाखों का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। पटाखों का ई-कॉमर्स कंपनियों एवं निजी व्यक्तियों द्वारा ऑनलाईन विक्रय तथा गैर लायसेंसी विक्रय पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। श्योपुर जिले के अंतर्गत हॉस्पीटल, नर्सिग होम, प्राथमिक एवं जिला स्वास्थ्य केन्द्र, शैक्षणिक संस्थाओं, न्यायालय, धार्मिक संस्थान एवं अन्य ऐसे क्षेत्र जिन्हें शांत क्षेत्र (साइलेंट जोन) घोषित किया है, कि 100 मीटर की परिधि में पटाखों को चलाना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। संपूर्ण जिले में दीपावली पर्व, गुरूपर्व एवं अन्य धार्मिक त्यौहारों पर पटाखें केवल रात्रि 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही चलाये जा सकेंगे। रात्रि 8 बजे से पूर्व एवं रात्रि 10 बजे के बाद पटाखों का चलाना प्रतिबंधित रहेगा। क्रिसमस एवं नववर्ष की पूर्व संध्या पर पटाखे अर्द्धरात्रि 11ः55 से अर्द्धरात्रि 12ः30 बजे तक ही चलाये जा सकेंगे। संदेहास्पद प्रतिबंधित पटाखे पाये जाने की स्थिति में पटाखे का सेम्पल लेकर क्षेत्रीय प्रयोगशाला मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ग्वालियर में भेजा जायेगा। प्रयोगशाला द्वारा प्राप्त सेम्पल्स की जांच रिपोर्ट शीघ्रता से संबंधित एसडीएम को प्रेषित की जायेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर युक्तियुक्त विधिसम्मत कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि सभी एसडीएम, एसडीओपी एवं थाना प्रभारी अपने-अपने अनुभाग, थाना क्षेत्र में इस आदेश का दृढ़तापूर्वक पालन कराते हुये यह भी सुनिश्चित करें कि किसी भी क्षेत्र में अवैध आतिशबाजी का निर्माण, विक्रय, भंडारण आदि न हो। लायसेंसी दुकानों के अतिरिक्त अन्य स्थलों ठेले, फुटपाथ, दुकान आदि पर आतिशबाजी का विक्रय न हो। अन्यथा संबंधित के विरूद्ध आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
आदेशो का पालन सुनिश्चित कराने तथा लाइसेंसी दुकानों, गोदामों के निरीक्षण के लिए दल गठित किये गये है, इस दल में संबंधित क्षेत्र के एसडीएम तथा एसडीओपी शामिल है। दल द्वारा निर्धारित प्रपत्र पर नियत समयावधि में सत्यापन रिपोर्ट प्रस्तुत की जायेगी।
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