Monday, December 23, 2024

किसानों के लिए चंबल नहर में तत्काल पानी छोड़ा जाए अन्यथा किसान करेंगें उग्र आंदोलन – राधेश्याम मीणा मूंडला

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दिनांक – 18/07/24

चंबल नहर में पानी छोड़े जाने के लिए किसानों ने ज्ञापन दिया 

 श्योपुर की चंबल नहर में पानी छोड़े जाने की मांग को लेकर किसानों ने गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रदेश अध्यक्ष राधेश्याम मीणा मूंडला के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट, श्योपुर पर प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री मोहन यादव के नाम कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ एवं डिप्टी कलेक्टर वाई एस तोमर को ज्ञापन दिया । इस मौके पर कलेक्टर ने किसानों के प्रतिनिधि मंडल के साथ जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से मीटिंग करके चंबल नहर में पानी छोड़े जाने का आश्वासन दिया एवं जिले में व्याप्त बिजली समस्या के निदान के लिए बिजली विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए । किसान नेता राधेश्याम मीणा मूंडला ने जानकारी देते हुए बताया कि श्योपुर जिला कृषि प्रधान जिला है, कृषि जिले में मुख्य आय का स्रोत है, व्यापारिक गतिविधियां भी कृषि आधारित है । इस वर्ष श्योपुर जिले में रिकॉर्ड रकबे में धान की फ़सल 60 से 70 हजार हेक्टेयर में होने का अनुमान है । जिसके कारण बिजली सप्लाई पर अत्यधिक लोड है, जिले के अधिकतर फीडर ओवरलोडेड है जिसके कारण बिजली की आपूर्ति सुचार रूप से नहीं होने से किसानों को धान की फसल करने में कठिनाई उत्पन्न होगी । राजस्थान के कोटा में चंबल नदी पर स्थित कोटा बैराज जो कि अपनी क्षमता का 100% उपरी इलाकों में अच्छी बरसात कारण भर चुका है तथा पानी की निरंतर आवक के कारण ओवरफ्लो पानी को चंबल नदी में छोड़ा जा रहा है । श्योपुर जिले में किसानों को धान की फसल लगाने एवं सिंचाई हेतु पानी की आवश्यकता है तथा चंबल सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की टेस्टिंग के लिए भी चंबल नहर में पानी छोड़े जाने की आवश्यकता है । किसानों के हित को दृष्टिगत रखते हुए चंबल दाहिनी नहर में तीन हजार से साढे तीन हजार क्यूसेक पानी छुड़वाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए । ताकि किसान सुचारू रूप से धान की फसल को लगाने एवं सिंचाई करने का कार्य कर सके व‌ जिले में उत्पन्न बिजली समस्या का समाधान हो सके ।‌ अन्यथा की स्थिति में क्षेत्र का किसान वर्ग क्रमिक रूप से हड़ताल, धरना – प्रदर्शन व चक्का जाम करने को बाध्य होगा। जिसका समस्त उत्तरदायित्व शासन एवं प्रशासन का होगा

इस अवसर पर नाथूलाल सोईं, रामेश्वर आसीदा, हरिमोहन गोहेड़ा, रामराज पच्चीपुरा, बालमुकुंद धनखेड़ा, हनुमान मूंडला, राकेश बगवाड़ा, गोरी शंकर हिरनीखेड़ा, लोकेन्द्र, कमलेश आसीदा, देवकी ढोटी, धनराज जारेला, महेश ढोटी, निरंजन ढोटी आदि किसान उपस्थित हुए 

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