श्योपुर दिनांक: 5/4/25
शहर के एक प्रमुख रेलवे स्टेशन पर हाल ही में शराब ठेका खुला, जो इन दिनों जनमत का केंद्र बन गया है। यह स्थान न केवल मंदिर और किसानों की आबादी वाले क्षेत्र के करीब है, बल्कि सबसे प्रमुख आधार यह है कि यह स्थान ठीक सामने स्थित है जहां जल्द ही भारत के पूर्व प्रधान मंत्री और किसान नेता स्वर्गीय श्री चौधरी चरण सिंह जी की प्रतिमा स्थापित की गई है।
श्रद्धा पर चोट, सुरक्षा पर सवाल
स्थानीय स्थानीय लोगों ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा – “यह शराब की दुकान मंदिर और आवासीय क्षेत्र से दूर होनी चाहिए। इसलिए मछली का बाजार भी बेहतर होता है। अब तो यह हर दृष्टिकोण से गलत जगह पर है – वह भी ठीक है बीच में। हर आम नागरिक इससे प्रभावित होगा।”
महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थान अब असुरक्षित और श्रमिक बन गया है। रास्ते से चलने वाले लोगों में गरीबी और असंतता का अभाव है।
कार पर गए प्रश्न
नगर पालिका अध्यक्ष और टेलीकॉम एसोसिएशन ने जनता को प्रभावित किया है। हर गली-मोहल्ले में यह चर्चा है – “क्यों मूक दर्शक बने बैठे हैं जिम्मेदार अधिकारी?”
जिला नियु रत्नी वर्मा से वैदिक की जा रही है कि वे इस एपिसोड में प्रतिष्ठित सोशल लेनन पर हैं। नागरिकों का स्पष्ट मत है कि नगरपालिका पूरी तरह से मनमर्जी पर उतर आई है। यदि यही प्रमाणित हो रहा है तो व्यापक जनआंदोलन का समाधान कभी भी हो सकता है।
चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा स्थल के सामने ठेका शराब – यह अपमान नहीं तो और क्या?
देश के किसान और गाड़ियों की आवाज सुन रहे स्व. श्री चौधरी चरण सिंह जी की प्रस्तावित प्रतिमा स्थल के ठीक सामने शराब का खतरा प्रकट होना न केवल निन्दनीय है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक एवं सामाजिक आस्थाओं का अत्याधिक अपमान है।
वास्तविक और संदिग्ध प्रक्रिया की ओर
लैपटॉप के अनुसार, यह दुकान पहले लगभग 60-70 लाख रुपये की ओपन बोली में सूचीबद्ध थी। लेकिन पॉलिमिकल द्वारा इस बोली को लागू करने के लिए कोरोना काल में कोटेशन सिस्टम के माध्यम से दुकान को औने-सामुदायिक दाम पर एक निजी व्यक्ति को दे दिया गया।
अब इस दुकान को एक अन्य किराएदार ने फिर से किराए पर देना शुरू कर दिया है – वह भी शराब के ठेके के लिए – नगर पालिका की दुकान में शामिल है।
दुकान मालिक ने भी की पैसे की बात
दुकान मालिक से हुई बातचीत में उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यह स्थान शराब की दुकान के संचालन के लिए नहीं दिया गया है। जब एक ओर मंदिर हो और दूसरी ओर मूर्ति स्थापित हो, तो ऐसा व्यवसायिक निर्णय समाज के लिए ठीक नहीं है।
जनता की मांग – चुनौती हटे, जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो
स्थानीय लोग एक स्वर में मांग कर रहे हैं कि इस शराब के नशे को हटाया जाए और इस खतरे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया जाए। श्रद्धा, संस्कृति एवं जन सुरक्षा के साथ किसी भी प्रकार को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
विरोध पर पुलिसिया भी स्थिर रहे
स्थिति टैब और चित्रण तब किया गया जब विरोध कर रही जनता को पुलिस ने अभद्रता की साजिश को हटा दिया और उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके वीडियो और जानकारी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिससे प्रशासन की छुट्टियां और गंभीर सवाल गिर गए हैं।
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