श्योपुर 03 अगस्त 2024/
सभी जिलों में कृषि भूमि के खसरे के अंतरण के दस्तावेज पंजीकृत होने पर संपदा एप्लीकेशन से राजस्व विभाग के रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम के उपयोग से साइबर तहसीलों में स्वतः नामांतरण होना शुरू हो गया है। जल्दी ही इस संपदा सॉफ्टवेयर-2 का उपयोग शुरू हो जाएगा। इसे 15 अगस्त से शुरू करने की तैयारियाँ जारी हैं। सॉफ्टवेयर संपदा-2 का पायलट परीक्षण 4 जिलों – गुना, रतलाम, हरदा और डिंडोरी मुख्यालयों में उप पंजीयन कार्यालयों में सफलतापूर्वक किया गया। इस सॉफ्टवेयर में कई ऐसी विशेषताएं हैं, जो देश में पहली बार क्रियान्वित होंगी।
उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने आज मंत्रालय में पंजीयन विभाग की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए नागरिकों द्वारा इस सॉफ्टवेयर के आधिकारिक उपयोग करने की व्यवस्था बनाने के निर्देश दिये। संपदा सॉफ्टवेयर से उप पंजीयन कार्यालय में उपस्थित होने की अनिवार्यता नहीं रहेगी। पंजीबद्ध दस्तावेज डीमैट दस्तावेज में परिवर्तन हो जाएंगे और फेसलेस पंजीयन होगा। इलेक्ट्रॉनिक रूप से पंजीबद्ध दस्तावेज व्हाट्सएप एवं ईमेल के माध्यम से तत्काल हितग्राही को मिल जायेंगे।
सभी जिलों में भौतिक रूप से पंजीकृत दस्तावेज को भी डिजिटाइज करने की प्रक्रिया चल रही है । इसके अंतर्गत 7 जिलों हरदा, डिंडोरी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, सिंगरौली और बुरहानपुर में 100% दस्तावेज 2004-05 से डिजिटल किया जा चुके हैं । वर्ष 2005-06 तक के लगभग 1.1 करोड़ दस्तावेज में से 28 लाख दस्तावेज को डिजिटल किया जा चुका है। बताया गया कि 67 जिला मुख्यालयों और राजस्व के लिए महत्वपूर्ण उप पंजीयन कार्यालयों का आधुनिकीकरण किया गया है