Monday, December 23, 2024

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे BJP के लिए आंखे खोलने वाले रहे।

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नई दिल्ली। इस बार के लोकसभा चुनाव के नतीजे BJP के लिए आंखे खोलने वाले रहे। अब ऐसे में कहा जा रहा है कि, आखिर कब तक बीजेपी पीएम मोदी के भरोसे चुनाव में जीत हासिल कर सकती थी। बेरोजगारी, महंगाई से लेकर घटिया रेल सेवा..मध्यम वर्ग और गरीब वर्ग के तबके में जीने वाले लोगों से प्रसाशनके साथ मिलकर स्थानीय नेताओ ने जो भ्रष्टाचार मचाया भुलेख में व्याप्त भ्रष्टाचार शासकीय जमीनों को नेताओं के नाम कराया है भाजपा कार्यकाल में अधिकारीयों पर शिकायत का कोई असर नहीं होना भू माफिया खनिज माफिया दलालों को खुला संरक्षण देना ऐसे कई मुद्दे है जिन्हें सत्ता के नशे में मदमस्त हो चुकी मोदी सरकार ने नजरअंदाज किया। हमें याद है पूर्व पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का वह बयान जब उनसे पेट्रोल के बढे़ हुए दाम को लेकर सवाल किया गया था। तब उन्होंने बड़ी बेरुखी से इसका जवाब तक देने से इनकार कर दिया। योगी मॉडल का डंका बजाने वाली बीजेपी की उत्तर प्रदेश में हालत खराब हो गई। हो सकता है NDA इस बार फिर केंद्र में चुनाव जीत कर सरकार बनाने में कामयाब हो जाएगी लेकिन बीजेपी का अकेले के दम पर सरकार बनाने का सपना आखिर सपना ही रह गया।

आखिर कैसे हो गया खेला ?

स्थानीय नेता और पदाधिकारियों की नाकामी का नतीजा आया सामने 400 पार की उम्मीद 300 पार के पड़े लाले

अयोध्या नगरी में श्री राम को लाये है नगर वासियों ने बता दिया कि जिनको राम लाये है वो कब से श्री राम को लाने बाले हो गए बोटों की राजनीति के चलते श्री राम का राजनीतिकरण किया गया है 

बेरोजगारी
इस बार के लोकसभा चुनाव में करोड़ों देश के युवाओ ने वोट डाला था। अग्निपथ योजना एक बहुत बड़ा फैक्टर रहा है इस चुनाव में ये बात अब साबित हो चुकी है। पंजाब की 13 सीटों में से 7 पर कांग्रेस और 3 पर आम आदमी पार्टी नेटक्कर मारी वही हरयाणा की 10 सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर रही है। केंद्र की मोदी सरकार के राज में रेलवे और एसएससी एक्साम का क्या हाल है ये किसी से छुपी नहीं। बिहार में तेजस्वी यादव ने समय रहते ये बात समझ ली और 1 लाख से भी अधिक सरकारी नौकरियां बांट दी। उनके इस फैसले की इस वक्त हर जगह चर्चा का विषय बनी हुई है। अब अगर समय रहते मोदी सरकार ने सबक नहीं लेती है तो अगले चुनाव में बीजेपी को बाहर का रास्ता दिखाने में देर नहीं लगाएगी जनता।

महंगाई
केंद्र की मोदी सरकार ने महंगाई पर खुल कर कोई एक्शन नहीं लिया। न ही कभी ये माना की देश में महंगाई है। मोदी सरकार ने हमेशा वैश्विक मंदी को इसके पीछे की वजह बता दिया। पेट्रोल से लेकर दाल जैसी रोजमर्रा की जरुरत की चीजों की कीमत आज आसमान छू रही हैं। आये दिन सब्जियों भी धीरे धीरे आम आदमी की थाली से दूर होती गई।

किसान मुद्दा
किसान मुद्दा इस बार के लोकसभा इलेक्शन में अहम भूमिका निभाता दिखा। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले किसानों द्वारा आंदोलन किया जाना मोदी सरकार के लिए नुकसानदायक साबित हुई।

रेलवे का व्यवसाईकरण
आखिरी बार ट्रेन टाइम पर कब आई थी ये शायद कोई सवाल करे तो आम अदमी को जवाब देने में 15 मिनट शायद लग जायेंगे। कोरोना के बाद से देश में ट्रेने लगातार लेट चल रही है। मोदी सरकार कोयला परिवहन करने वाली माल गाड़ियों को आगे भेज यात्री गाड़ियों को देर से आएगी भेजने का काम करती है। ये हो सकता है कोई बड़ा मुद्दा न लगे लेकिन ये ऐसी समस्या है जो मध्यम वर्ग और गरीब वर्ग के लिए सबसे अधिक सिरदर्द साबित हुआ है। देश में वंदे भारत ट्रेन चलाई जा रही है। लेकिन उसके टिकट के दाम कितने है ये किसी से छुपा नहीं। उदाहरण के लिए, वंदे भारत के जरिये छत्तीसगढ़ के रायपुर से बिलासपुर 120 किलोमीटर केसफर की कीमत 500 रूपए है। वहीं हरदेव सुपरफास्ट ट्रेन के टिकट की कीमत मात्र 80 रूपए है। दोनों एक घंटे के अंतर से यात्रियों को मंजिल तक पहुंचाती है। वंदे भारत तो अपने समय से आती जाती है लेकिन हसदेव जैसी ट्रेनों को जानबूझ कर कोयला ढोने वाली माल गाड़ी लके पीछे कई बार चला दिया जाता है।

घमंड
मोदी सरकार को ये लगने लगा था की वह कोई भी फैसला लेगी और पीएम मोदीका चेहरा दिखा देगी तो उसे वोट मिल जायेगा। आज अगर बीजेपी दोबारा सरकार बनाने में कामयाब हुई है तो सिर्फ पीएम मोदी के बदौलत लेकिन वे भी उसे अकेले के दम पर सत्ता में पहुंचाने में इस बार सफल नहीं हो पाए। इससे ये साबित होता है की केवल एक चेहरे के भरोसे आप कुछ भी बिना किसी की चिंता करे फैसले लेंगे और कोई कुछ नहीं करेगा। नेता से लेकर पार्टी हर कोई ये भूल जाता है कि पांच साल बाद उन्हें जनता के बीच जाना होता है और उन्हीं के द्वारा चुने जाने के बाद सत्ता पर बैठना होता है।

स्थानीय नेता पद के नसे में चूर

जिलाअध्यक्ष से लेकर सभी पदाधिकारी अपनी मर्जी से शासन चलाते रहे यहाँ तक की जिला कलेक्टर भी स्थानीय नेताओं के कहने पर ही कार्य संचालन करते है मध्यम बर्ग के लोगों की कोई सुनवाई नहीं होती है वही श्योपुर में मेला रंग मंच पर  दिग्गी राजा  के साथ  बीजेपी छोड़ कर  कौंग्रेस में  आये पूर्व जिलाअध्यक्ष व पार्टी पदाधिकारियों ने सीधे तोर से  बीजेपी पर सभी सरकारी बिभागों से हर महीने लाखों रूपये बसूलने का आरोप खुले मंच से लगाया और कहा की चोथ बसूली की बजह से ही हमने पार्टी और पद छोड़ा है और कौंग्रेस की सदस्यता हांसिल की 

राजनितिक दल का सबसे बड़ा दुःस्वप्न 

हरियाणा से यूपी तक, इन राज्यों में लगा बीजेपी को तगड़ा झटका

 भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व का इंडी अलायंस दोनों ही अपनी जीत के दावे करता रहा है। हालांकि, चुनाव के रुझान या मतगणना के आंकड़े भाजपा को चौंकाते रहे हैं। उत्तर प्रदेश, बंगाल समेत कई ऐसे राज्य हैं जहां भाजपा को अनुमान से काफी कम सीटें मिल रही हैं और विपक्ष उन्हें कड़ी टक्कर दे रहा है। आइए जानते हैं कि किन राज्यों में भाजपा को सबसे ज्यादा झटका लगा है।

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का कमाल

भाजपा के लिए सीटों के लिहाज से सबसे सुरक्षित राज्य उत्तर प्रदेश ही माना जा रहा था। हालांकि, इसी राज्य में उसे सबसे ज्यादा टक्कर मिली है। मतगणना के ताजा आंकड़ों को देखें तो उत्तर प्रदेश की 80 में से 36 सीटों पर भाजपा,43 पर सपा, और 1 पर अन्य

पश्चिम बंगाल में बड़ा झटका

बीते लोकसभा चुनाव 2019 में पश्चिम बंगाल में भाजपा को 18 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। भाजपा को उम्मीद थी कि इस चुनाव में पार्टी 25 से ज्यादा सीटे हासिल करेगी। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा को यहां तगड़ा झटका दिया है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 42 सीटों में टीएम सी 25, बीजेपी 16, कांग्रेस 1,

हरियाणा में कांग्रेस ने दी टक्कर

हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। बीते 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की सभी 10 सीटों पर जीत हासिल की थी हालांकि, इस चुनाव में भाजपा को कांग्रेस ने कड़ी टक्कर दी है। राज्य में जारी मतगणना के ताजा आंकड़ों की बात करें तो यहां कांग्रेस 5, भाजपा 5  पर बराबर की बाजी मार रही है
 लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सुबह से जारी काउंटिंग के रुझानों ने बीजेपी को बड़ा झटका दिया है। पार्टी पिछले दस सालों में पहली बार बहुमत से आंकड़े से नीचे आई है, जिसके चलते सरकार बनाने के लिए एनडीए के घटक दलों यानी जेडीयू और टीडीपी पर निर्भर हो गई है।

ऐसे में अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों के लिए अहम भूमिका में आ गए हैं। इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया है कि इंडिया गठबंधन की तरफ से नीतीश कुमार को डिप्टी PM का पद ऑफर किया गया है दरअसल, वोटों की काउंटिगं के बीच ही सपा के एक नेता ने कहा है कि Nitish Kumar इंडिया गठबंधन में वापसी करेंगे। सपा नेता के इस ट्वीट ने 300 सीटों के आंकड़े को पार संघर्षरथ बीजेपी की चिंता बढ़ा कर रख दी है। समाजवादी पार्टी के आई.पी. सिंह ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि ‘नीतीश हमारे थे, हमारे हैं और हमारे ही रहेंगे, जय सीता राम।’ हालांकि, नितीश कुमार ने कहा कि वह NDA के साथ बने रहेंगे। लेकिन उनका पिछले ट्रैक रिकॉर्ड देखे तो नितीश पर ज्यादा भरोसा किया जा नहीं सकता। ऐसे में अमित शाह और मोदी की जोड़ी को अपने साथी दलों को अपने साथ बनाए रखना एक बड़ा टास्क होगा।

पीएम मोदी दें इस्तीफा
इस बीच खबर है कि, कांग्रेस ने अब पीएम मोदी से इस्तीफे की मांग कर दी है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, “अब सभी 543 सीटों के रुझान आ गए है। दो चीजे बिलकुल स्पष्ट है। पहला यह कि नरेंद्र मोदी के लिए एक चौकाने वाली राजनितिक और निर्णायक नैतिक हार होगी।” वहीं दूसरी बात यह कि उन्होंने(मोदी जी ) जैसे एग्जिट पोल मैनेज किया उससे वह बेनकाब हो गए। एग्जिट पोल के आंकड़े पूरी तरह से बनावटी थे।

मुझे नहीं थी उम्मीद – शरद पवार
लोकसभा चुनाव नतीजों के बीच शरद पवार ने कहा कि मुझे कभी उम्मीद नहीं थी कि ऐसा परिणाम आएगा। मैने सिर्फ कांग्रेस के लोगों से बात की है अब तक और किसी से नहीं बात नहीं है। शरद पवार ने कहा कि आज का परिणाम आने वाले विधानसभा चुनाव में हमारे लिए प्रेरणादाई होगा। राम मंदिर को लेकर जो माहौल बनाया गया, उसका जवाब जनता ने दे दिया है

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