एसडीएम के नेतृत्व में राजस्व एवं पुलिस की टीम ने हटाया अतिक्रमण
दर्ज कुल 22.002 हेक्टयर लगभग 100 बीघा से अधिक भूमि की गलत प्रविष्टियां दर्ज करने बाले अधिकारीयों पर भी कर सकेंगे श्योपुर कलेक्टर कार्य बाही
श्योपुर, 18 फरवरी 2024
कलेक्टर संजय कुमार द्वारा दिये गये निर्देशो के क्रम में श्योपुर तहसील के ग्राम रामपुरा डांग स्थित भूमि से एसडीएम मनोज गढवाल के नेतृत्व में राजस्व एवं पुलिस की टीम द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई है। इसके पूर्व न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्योपुर द्वारा ग्राम रामपुरा डांग की 4 सर्वे नंबरो में 14 बंटाकन द्वारा 11 लोगो के नाम से दर्ज कुल 22.002 हेक्टयर लगभग 100 बीघा से अधिक भूमि की प्रविष्टियां गलत पाये जाने पर खसरे से विलोपित करने एवं शासकीय दर्ज करने का आदेश पारित किया गया था। उक्त आदेश के परिपालन में राजस्व एवं पुलिस विभाग की टीम द्वारा दल बल के साथ मौके पर पहुंचकर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई।
इस दौरान तहसीलदार श्रीमती प्रेमलता पाल, नायब तहसीलदार दर्शनलाल सहित आरआई एवं पटवारीगण तथा देहात थाना टीआई सहित पुलिस बल मौजूद रहें।
एसडीएम मनोज गढवाल के नेतृत्व में राजस्व एवं पुलिस की टीम दल बल के साथ रामपुरा डांग पहुंची तथा बुलडोजर,ट्रेक्टरआदि के माध्यम से भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई।।
एसडीएम न्यायालय से जारी उक्त आदेश के अनुसार ग्राम रामपुरा डांग की सर्वे नंबर 179, 180, 182 एवं 201 में 14 बंटाकन द्वारा 11 लोगों के नाम से कुल 22.002 हेक्टयर भूमि वर्तमान खसरो में प्रविष्टि दर्ज थी।
जांच में यह प्रविष्टियां बिना सक्षम न्यायालय के आदेश के सीधे दर्ज होना, मिसल के रकबे से भिन्न रकबे पर दर्ज होना आदि अलग-अलग कारणो से गलत पाये जाने पर भरतलाल पुत्र कल्याण चंद, भरतलाल दत्तक पुत्र हजारी, श्रीमती लता राठौर पत्नि भरतलाल राठौर, सुरेश पुत्र माधोलाल, विमला पुत्री माधोलाल, श्रीमती कमला पत्नि मोहनलाल, प्रहलाद पुत्र माधोलाल, कन्हैया पुत्र प्रभुलाल, प्यारेलाल पुत्र गप्पूलाल, मोहन पुत्र माधो राठौर एवं श्रीमती मोनिका पत्नि आशिष सभी निवासीगण श्योपुर के नाम से प्रविष्टियों को खसरे से विलोपित करने तथा भूमि को शासकीय दर्ज करने का आदेश पारित किया गया था।
दिनभर चली कार्यवाही के दौरान एसडीएम एवं तहसीलदार, नायब तहसीलदार, देहात थाना टीआई तथा राजस्व एवं पुलिस टीम में शामिल अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहें
किन्तु सोचने वाली बात यह है कि भूमि को भत्ते पर लेने वालो का क्या दोस रहा जिनके बच्चों का निवाला झीन कर सरे कड़ी फसल जमी दोज करनी पड़ी जब भत्ते बाले किसान सतविंदर सिंह सरदार ने एक महीने का समय माँगा था तो एक महीने बाद इस कार्यवाही को प्रशासन अंजाम दे सकता था
अब देखने बाली बात यह है कि किसान की फसल बर्बाद करने के बाद कलेक्टर श्योपुर द्वारा 22 .००2 हेक्टेयर भूमी की यह प्रविष्टियां बिना सक्षम न्यायालय के आदेश के सीधे दर्ज होना, मिसल के रकबे से भिन्न रकबे पर दर्ज होना आदि अलग-अलग कारणो से गलत दर्ज करने वाले कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही कर पाएंगे क्यों कि दर्ज करने का कम किसान का नहीं किसी अधीनस्थ कर्मचारी और बाबुओ का ही है अगर फसल नस्ट की है तो एस दीमक बाले पोधे को जड़ से समाप्त कर फर्जी तरीके से भूमी दर्ज करने बालों की जाँच कर सधे टर्मिनेट करने की कार्यवाही भी होना चाहिये