Wednesday, July 23, 2025

कूनो से बड़ी खुशखबरी: नीरवा बनी मां, पांच नन्हे चीतों ने बढ़ाया कुनबा, कुल संख्या 31 हुई

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श्योपुर, मध्यप्रदेश  1 मई 2025
कूनो नेशनल पार्क से देशवासियों के लिए एक रोमांचक और गर्व से भरी खबर आई है। दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता नीरवा ने पांच शावकों को जन्म दिया है। इन नन्हे मेहमानों के साथ ही अब कूनो में चीतों और उनके शावकों की कुल संख्या बढ़कर 31 हो गई है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने  27 अप्रेल रविवार रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर इस खबर को साझा करते हुए खुशी जाहिर की। उन्होंने लिखा,

कूनो में नए मेहमानों का स्वागत है… अत्यंत प्रसन्नता है कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों का कुनबा निरंतर बढ़ रहा है।

नीरवा, जिसकी उम्र अब पांच साल है, परियोजना चीता के तहत दक्षिण अफ्रीका से भारत लाई गई थी। यह प्रसव न सिर्फ प्रोजेक्ट चीता की सफलता को दर्शाता है, बल्कि भारत की जैव-विविधता को लेकर किए जा रहे प्रयासों की भी एक शानदार मिसाल है।

सीएम यादव ने इस सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि

वन्य जीव संरक्षण के लिए मध्यप्रदेश में एक अनुकूल वातावरण बना है, जो अब रंग ला रहा है।

वहीं केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी कूनो टीम को इस उपलब्धि पर बधाई दी है और इसे “पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम” बताया।

दो चीतों को मिला नया घर

इस महीने की शुरुआत में चीतों प्रभाष और पावक को गांधी सागर अभयारण्य में स्थानांतरित किया गया था। इससे पहले इन दोनों को कूनो में रखा गया था। इस कदम का उद्देश्य चीतों के लिए और अधिक प्राकृतिक तथा सुरक्षित क्षेत्र विकसित करना है।

 क्या है प्रोजेक्ट चीता?

2022 में शुरू की गई यह महत्वाकांक्षी परियोजना, विलुप्त हो चुके एशियाई चीतों की जगह अफ्रीकी चीतों को भारत में पुनर्स्थापित करने का प्रयास है। कूनो इसका केंद्र बिंदु है, जहां विशेष निगरानी, पशु चिकित्सकीय देखभाल और प्राकृतिक माहौल दिया जा रहा है।

🌱 भविष्य की उम्मीदें

नीरवा के पांच शावकों का जन्म इस बात का संकेत है कि भारत में चीतों के लिए बनाया गया पारिस्थितिक तंत्र अब अनुकूल और सुरक्षित हो रहा है। यह केवल वन्यजीव प्रेमियों के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है।

तो तैयार हो जाइए कूनो के नए नन्हे मेहमानों से मिलने के लिए – क्योंकि ये सिर्फ शावक नहीं, बल्कि एक नए युग की शुरुआत हैं।

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