श्योपुर दिनांक 26 मई 2025
रविवार रात 11:30 बजे श्योपुर की शांत सड़कों पर तबाही का मंजर देखने को मिला जब एक तेज रफ्तार काली स्कॉर्पियो (MP07 CH 9623) ने मेले से लौट रहे लोगों को रौंद दिया। नशे में धुत चालक ने ट्रैक्टर और कई मोटरसाइकिलों को कुचलते हुए एक आदिवासी बालिका सहित कई लोगों को बुरी तरह घायल कर दिया।
विडियो में देखे पूरा खुनी तांडव
वीडियो फुटेज वायरल:
घटना का वीडियो सामने आया है जिसमें यह स्कॉर्पियो बेकाबू होकर ट्रैक्टर, बाइकों और राह चलते लोगों पर चढ़ती दिख रही है। कुछ लोगों के शरीर से खून की धारें बहती दिखीं — किसी का हाथ कट गया तो कोई तड़पता रहा। एक महिला की हालत अत्यंत गंभीर हालत में रेफर
आरोपी की पहचान और राजनीतिक जुड़ाव:
शोसल मिडिया व प्रिंट मिडिया तथा गाड़ी रजिस्ट्रेशन का आधार और आम जन की माने तो कार चालक की पहचान भूपेंद्र त्यागी पुत्र घनश्याम त्यागी, निवासी महगांव, भिंड के रूप में हुई है। वह श्योपुर में ठेकेदारी करता है और स्थानीय भाजपा नेताओं का नजदीकी बताया जाता है। यही नहीं, वह घटना से पूर्व श्योपुर के सरकारी रेस्टहाउस में बिना किसी आधिकारिक एंट्री के ठहरा हुआ भी बताया जा रहा है — जो अपने आप में बड़ा सवाल है। और यह बात पुरे नगर में कोतुहल का बिषय बनी हुईं है
किन्तु पुलिस को इस मामले की पूरी जानकारी है और जहाँ भी जानकारी चाही गई है वहा दबी आवाज में बोला जाता है किन्तु नाम खुल कर कोई नहीं बता रहा है
हादसे के बाद भाजपा नेताओं की सक्रियता:
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के तुरंत बाद भाजपा कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और आरोपी को थाने से छुड़वाने की कोशिशें शुरू हुईं। बताया जा रहा है कि पुलिस ने पहले “अज्ञात चालक” के नाम पर एफआईआर दर्ज की, जबकि वीडियो में चेहरा साफ दिख रहा था और जनता ने आरोपी को मौके पर ही पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया था।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल:
मामले की रिपोर्ट ढ़ेंगदा निवासी विष्णु आदिवासी ने दर्ज करवाई, जिसने बताया कि वह अपनी बहन और गांव के लड़के के साथ मेले से लौट रहा था जब स्कॉर्पियो ने ट्रैक्टर में टक्कर मार दी। फिर भी पुलिस ने अपराध क्रमांक 121/25 धारा 181, 125ए बी एनएस जैसी धाराएं लगाकर केस को कमजोर कर दिया।
कांग्रेस से दोलतराम गुप्ता भी हाल जानने पहुंचे चिकित्सालय
कांग्रेस के जन प्रतिनिधि दोलतराम गुप्ता को जब घटना की जानकारी मिली तो अर्ध रात्री में तुरंत जिला चिकित्सालय पहुंचकर घटना की जानकारी ली और एफ आई आर कराने पर जोर दिया और बालिका को उपचार हेतु आर्थिक सहायता दिलाई
विधायक की सक्रियता का समर्थन
विजयपुर विधायक मुकेश मल्होत्रा ने जिला कलेक्टर को फोन कर पीड़ित बच्ची के इलाज की जानकारी ली और SDM व पटवारी को जिला अस्पताल भेजा। लेकिन लोगों का कहना है कि अगर यह हादसा आम नागरिक द्वारा किया गया होता तो अब तक गिरफ्तारी और कठोर धाराएं लग चुकी होतीं।
अब सवाल जनता का: क्या बड़ी गाड़ी, बड़ा रसूख और राजनीतिक पहचान कानून से ऊपर हैं ?
क्या आदिवासी बच्ची की जान की कोई कीमत नहीं ?
क्या वीडियो फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही के बावजूद आरोपी को बचाने की कोशिश न्याय की हत्या नहीं ?
क्या कमजोर धाराओं में केस दर्ज कर प्रशासन एक बार फिर “पावरफुल बचाओ, पीड़ित भूल जाओ” की नीति अपना रहा है ?
शहर की मांग साफ है:
आरोपी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए, हत्या के प्रयास की धारा में केस दर्ज हो, और पीड़ित परिवार को न्याय मिले — वरना जनता सड़कों पर उतरने को मजबूर होगी।”